2030 तक इस मामले में टॉप पर होगा भारत, जानें इसके पीछे की वजह

नई दिल्ली। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने बुधवार को यहां कहा कि भारत 2030 तक यात्री कार का सबसे बड़ा बाजार बनकर उभरेगा।

अमिताभ कांत

शुक्रवार को शुरू हो रहे दो दिवसीय ग्लोबल मोबिलिटी समिट से पहले यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत का वाहन परिदृश्य अगले एक दशक में बिल्कुल बदल जाएगा और इस दौरान परिवहन के लिए ई-मोबिलिटी को वरीयता दी जाएगी।

कांत ने कहा कि वर्तमान में देश में बिकने वाले सभी वाहनों में दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी 76 फीसदी है, जो 64 फीसदी ईंधन की खपत करते हैं और ये तीन पहिया वाहनों के पांच फीसदी प्रदूषण की तुलना में 30 फीसदी प्रदूषण फैलाते हैं।

उन्होंने कहा, “इसके अलावा, 70 फीसदी माल का परिवहन लॉरियों में होता है। वाहनीकृत प्रदूषण का यह भी एक प्रमुख कारण है।”

नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि देश के सामने सड़क परिवहन के लिए हर प्रकार के परिवहन के लिए बैटरी चालित यातायात शुरू करने की चुनौती है और इसके बाद वाहनों को शहर में और शहर के बाहर जाने के लिए जीवाश्म ईंधन के स्थान पर उससे साफ वैकल्पिक ईंधन का उपयोग करना अनिवार्य हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि ई-मोबिलिटी और वाहन साझा करने से पैदा हुए अवसरों का लाभ लेना चाहिए।

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