#Christmas 2017: यहां 25 दिसंबर को नहीं मनता जश्न, संता नहीं कोई और बांटता है गिफ्ट

नई दिल्ली। क्रिसमस एक ऐसा त्यौहार जो हर साल 25 दिसंबर को ही मनाया जाता है। 25 दिसंबर को क्रिसमस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन ईसामसीह का जन्म हुआ था। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में कुछ ऐसे देश है जहां क्रिसमस 25 दिसंबर को नहीं बल्कि 13 दिन बाद यानि 7 जनवरी को मनाया जाता है।

दरअसल दुनिया मध्य पूर्वी देशों में आज भी ‘जूलियन’ कैलेंडर का इस्तेमाल होता है। जूलियन कैलेंडर में 25 दिसंबर का दिन 7 जनवरी को आता है और इसीलिए ये देश 7 जनवरी को क्रिसमस मनाते है। इनमें बेलारूस, मिस्र, इथोपिया, गॉर्गिया, कजाकिस्तान, सर्बिया और रूस शामिल है।

वहीं इटली में क्रिसमस 6 जनवरी को  मनाया जाता है। दरअसल यहां लोग ‘द फीस्ट ऑफ एपिफेनी’ नाम से क्रिसमस को मनाते हैं।

ऐसा माना जाता है कि यीशू के पैदा होने के 12वें दिन तीन ज्ञानी लोग उन्हें अपना आशीर्वाद और उपहार देने गए थे। इसलिए उन्हीं को याद करते हुए इटली में 6 जनवरी को ईसामसीह का जन्मोत्सव मनाया जाता है।

Santa Claus नहीं ‘बेनाफा’ देती है गिफ्ट   

क्या आपको पता है कि क्रिसमस के दिन सेंटा क्लॉस नहीं बल्कि बेनाफा देती है गिफ्ट। दरअसल ऐसा माना जाता है कि इटली में ये बूढ़ी महिला बच्चों के लिए गिफ्ट लेकर आती है। बेनाफा झाडू पर बैठकर गिफ्ट देने आती है। ऐसा कहा जाता है कि यीशू के जन्म के बाद 12वें दिन जब 3 ज्ञानी लोग उन्हें आशीर्वाद देने आ रहे थे तब बेनाफा उन्हें मिली और लोगों ने उसे साथ चलने को कहा लेकिन बेनाफा ने उन्हें मना कर दिया और उसे कुछ दिन बाद यीशू से न मिलने का पछतावा हुआ। तब से इटली में बेनाफा हर क्रिसमस पर बच्चों के लिए तोहफे लाती है, इस उम्मीद से कि शायद वो एक दिन यीशू से फिर मिल पाएगी।

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