पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ पर पूर्ण अधिकार को लेकर प्रस्ताव हुआ पेश, जानें क्या है मामला ?

दिलीप कुमार

चंडीगढ़ एक ऐसा शहर है, जो तीन-तीन राज्य की राजधानी है। एक ओर जहां चंडीगढ़ स्वयं में एक केंद्रशासित राज्य है, जिसके प्रशासकीय कार्यों को केंद्र के द्वारा भेजे गए प्रतिनिधि के द्वारा संचालित किया जाता है, तो वहीं दूसरी ओर यहां हरियाण और पंजाब की विधानसभा भी स्थित है।

हरियाणा के अलग होने के बाद से पंजाब और हरियाणा के बीच चंडीगढ़ को लेकर हमेशा से विवाद बना रहा है। इसी विवाद को निपटाने को लेकर केंद्र सरकार ने इसे केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा देकर दोनों राज्यों के बीच शांति स्थापित की थी। हाल ही में पांजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, जो चंडीगढ़ के अमन को छिन्न-भिन्न करने के लिए आतुर है।

आपको बता दें कि पंजाब के सीएम भगवंत मान ने चंडीगढ़ को तत्काल पंजाब को हस्तांतरित करने की मांग करते हुए शुक्रवार को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी सदन ने केंद्र सरकार से चंडीगढ़ को पंजाब को हस्तांतरित करने का अनुरोध करते हुए कई प्रस्ताव पारित किए हैं।

विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र के आयोजन के दौरान सीएम भगवंत मान के द्वारा लाए गए प्रस्ताव में स्पष्ट तौर लिखा है कि सौहार्द बनाए रखने और लोगों की भावनाओं को द्यान में रखते हुए यह सदन एक बार फिर से चंडीगढ़ को तत्काल पंजाब को हस्तांतरित करने के मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने की सिफारिश करता है।

गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ऐलान किया था कि केंद्रीय सेवा नियम केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर भी लागू होंगे। चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी है।

इस विशेष सत्र के आरंभ में कांग्रेस विधायक राणा गुरजीत सिंह और उनके बेटे एवं निर्दलीय विधायक राणा इंदर प्रताप सिंह पद की शपथ ली थी।

LIVE TV