रत्न पहनते वक्त करी गलती तो भुगतना पडे़गा शनि का प्रकोप, सारे ग्रह कर देंगे बर्बाद

ज्योतिष में रत्न पहनने के पहले कुछ खास निर्देश दिए जाते हैं। आप सब जानते भी है कि, नौ ग्रहों के लिए अलग-अलग रत्न पहने जाते हैं। जिसमें सूर्य के लिए माणिक, चंद्रमा कि लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, गुरु के लिए पुखराज, बुध के लिए पन्ना, शनि के लिए नीलम, शुक्र के लिए हीरा, राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए लहसुनियां धारण किए जाते हैं। रत्न को सही से पहनने पर इसके लाभ चमत्कारिक होते हैं। जबकि रत्न धारण करने में असावधानी जीवन में अनेक परेशानियां लाती हैं। रत्न को सही तरीके से पहनना बेहद जरुरी होता है, तो चलिए जानते है रत्नों को धारण करना किस समय अच्छा होता है।

रत्न पहनते समय न करें ये काम-
ज्योतिष के मुताबिक किसी भी रत्न को पहनने से पहले दूध में नहीं डालना चाहिए। इसकी जगह रत्न को गंगाजल या शुद्ध जल से एक बार धोकर पहनना चाहिए। इसके अलावा रत्न को दूध में डालकर रातभर नहीं रखना चाहिए। कई रत्न ऐसे होते हैं जो दूध को सोख लेते हैं। दूध के रत्न में जाने से ये खराब हो जाते हैं। हालांकि मन की संतुष्टि के लिए ईष्ट देवी की मूर्ति से स्पर्श कराकर या उनका स्मरण कर रत्न पहन सकते हैं।

कब रत्न धारण ना करें-
रत्न पहनने से पहले यह इस बात का ध्यान देना चाहिए कि 4, 9 और 14 तिथि न हो। ज्योतिष के मुताबिक इन तारीखों पर रत्न धारण नहीं करना चाहिए। इसके अलावा ये भी याद रखना चाहिए कि जिस दिन रत्न धारण करें उस दिन गोचर का चंद्रमा आपकी राशि से 4,8,12 में ना हो। साथ ही अमावस्या, ग्रहण और संक्राति के दिन भी रत्न न पहनें। रत्न हमेशा दोपहर से पहले सूर्य की ओर मुख करके पहनना चाहिए।

कब बदलना चाहिए रत्न-
मूंगा और मोती को छोड़कर बाकी रत्न कभी पुराने नहीं होते हैं। मोती की चमक धुंधला होने पर और मूंगा में खरोंच आने पर इन्हें बदल देना चाहिए। इसके अलावा माणिक्य, पन्ना, पुखराज, नीलम और हीरा को कभी बदला नहीं जाता।

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