अगर 18 की उम्र में वोट कर सकते हैं तो शराब क्यों नहीं पी सकते, हाईकोर्ट पहुंचा मामला
केजरीवाल सरकार ने मंगवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान शराब सेवन की उम्र कम करने के फैसले का बचाव किया। आम आदमी पार्टी सरकार का पक्ष रहे वरिष्ठ वकी अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जब देश में वोट डालने की उम्र 18 साल तय है तो 18 साल से ऊपर के लोग शराब क्यों नहीं पी सकते? सरकार ने हाईकोर्ट में ये भी कहा कि शराब पीने की कानूनी उम्र कम करने के फैसले का शराब पीकर गाड़ी चलाने के अपराध से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा, “आज मतदान की उम्र 18 साल है। यह कहना कि 18 से अधिक उम्र का व्यक्ति वोट तो डाल सकता है लेकिन शराब नहीं पी सकता, हकीकत से दूर रहना है। चूंकि आप लोगों को 18 साल हो जाने पर शराब पीने की इजाजत देते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि आप उसे शराब पीकर गाड़ी चलाने की अनुमति देते हैं। कानून के अनुसार तो 50 साल के व्यक्ति को भी शराब पीकर गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं है।”
दरअसल, कुछ महीनों पहले दिल्ली सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी (Excise Policy) को मंजूरी दी है। इसमें सरकार ने शराब पीने की कानूनी उम्र 25 साल से घटाकर 21 साल कर दी है। यानी, अब 21 साल से ऊपर के लोग शराब खरीद सकते हैं और पी सकते हैं। इसके साथ ही सरकार ने शराब की होम डिलिवरी को भी मंजूरी दे दी थी।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिका पर जवाब मांगते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया और अगली सुनवाई की तारीख 17 सितंबर तय की। इस याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि जबतक उम्र के सत्यापन की ठोस व्यवस्था नहीं आ जाती है तबतक दिल्ली सरकार को नई आबकारी नीति 2021-22 को लागू करने से रोका जाए जिसमें शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 कर दिया गया है।
कम्युनिटी एगेंस्ट ड्रंकेन ड्राइविंग नामक एक संगठन ने सामाजिक कार्यकर्ता प्रिंस सिंघल के मार्फत यह याचिका दायर की है जिसमें बार, पब, शराब की दुकानों समेत शराब बेचने एवं परोसने वाले स्थानों पर अनिवार्य उम्र जांच का अनुरोध किया गया है। दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषक मनु सिंघवी और राहुल मेहरा ने दलील दी कि यह किसी न किसी बहाने से इस नीति को रोकने की कोशिश है। मेहरा ने कहा कि दिल्ली के निकटवर्ती राज्यों में शराब सेवन की उम्र 21 है।