हिंदी बच्चों के लिए बेहतर समझ सुनिश्चित कर सकती है : आनंद 

खड़गपुर/पटना। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने के लिए चर्चित संस्थान सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने शिक्षकों से अपनी मातृभाषा हिंदी में बच्चों को पढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि इससे बच्चे उस विषय को आसानी से और अच्छे तरीके से समझ सकेंगे।

आनंद 

आनंद शुक्रवार को आईआईटी, खड़गपुर परिसर में आयोजित हिंदी दिवस समारोह में कहा कि हिंदी एक ऐसी भाषा है, जिससे अधिकांश भारतीय सहज हैं, लेकिन हम अपने बच्चों पर घर की भाषा (आम बोलचाल की भाषा), हिंदी और अंग्रेजी सीखने या बोलने का दबाव बनाते हैं। इससे बच्चों पर तीन भाषाएं सिखने का दबाव रहता है।

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या यह अच्छा नहीं होगा कि बच्चों को केवल एक भाषा सिखाई जाए, जिससे उनके जीवन को आसान बनाया जा सके तथा उनकी क्षमता को बढ़ावा मिल सके।

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विषय-वस्तु को समझने की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि भाषा से अधिक, विषय-वस्तु को समझना महत्वपूर्ण थी। उन्होंने कहा कि अगर कोई बच्चा हिंदी समझता है, तो वह हिंदी में न केवल बेहतर कर सकता है, बल्कि स्कूल की कक्षाओं में शिक्षकों और छात्रों के साथ घुलमिल भी सकता है।

उन्होंने कहा, “शिक्षाविदों और भाषाविदों का भी मानना रहा है कि बच्चे अपनी मातृभाषा को सबसे प्रभावी ढंग से सीखते हैं। यूनेस्को द्वारा किए गए शोध से भी पता चलता है कि जो बच्चे अपनी मातृभाषा में अपनी शिक्षा शुरू करते हैं, वे बेहतर शुरुआत करते हैं और बेहतर प्रदर्शन जारी भी रखते हैं।”

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आनंद ने कहा कि शोधों से पता चला है कि एक भाषा में अच्छी पकड़ रखने वाले बच्चों को दूसरी अन्य कोई भाषा सिखना आसान होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक हिंदी में अपनी बात छात्रों तक बेहतर ढंग से पहुंचा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि अंग्रेजी एक भाषा है, लेकिन यह किसी भी विषय के बारे में किसी की बुद्धि या ज्ञान का परीक्षण नहीं कर सकती है। भाषा शिक्षा हासिल करने के लिए एक माध्यम है, ना कि बेहतर शिक्षा के लिए भाषा आवश्यक है।

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