हाईकोर्ट ने सुनाया फरमान, इस जाति के लोगों को मंदिर में जाने से कोई नहीं रोक सकता

रिपोर्ट- सुनील बोरा

नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट ने एसएसी-एसटी वर्ग के लोगो को मंदिरो में पूजा-अर्चना करने और मंदिरो में प्रवेश करने के मामले में राहत दी है नैनीताल हाईकोर्ट ने निर्देश दिए है की सभी वर्गो के लोग प्रदेश के किसी भी मंदिर में जाकर पूजा अर्चना कर सकते है। साथ ही कोर्ट ने कहा की सर्वोच्च न्यायलय के निर्देशों के आधार पर कोई भी व्यक्ति किसी भी मंदिर का पुजारी हो सकता है लेकिन वो पुजारी उस पद के लिए शिक्षित और योग्य हो।

नैनीताल हाईकोर्ट

मामले मे सुनवाई के बाद कोर्ट की खण्डपीठ ने जिला प्रशासन हरिद्वार को निर्देश दिए है कि वह मंदिर की सीढ़िया हटाने से पूर्व नगर निगम के अलावा एससी-एसटी वर्ग के लोगो के साथ बैठक करे। साथ ही हरिद्वार के सभी सड़को गलियों, पैदल मार्गो से अतिक्रमण को डेढ़ माह के भीतर हटाए वही चंदीघाट व चन्दीपुल में हुए अवैध कब्जो को हटाने के निर्देश दिए है साथ की कोर्ट ने जिला अधिकारी हरिद्वार को निर्देश दिए है कि वे गंगा घाटो की विशेष साफ सफाई करे और कूड़े का निस्तारण वैज्ञानिक ढंग से करें। वही कोर्ट गढ़वाल के कमिश्नर को निर्देश दिए है कि वे उन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करें जिनके कार्यकाल में अतिक्रमण हुआ है।

आपको बातदे कि राजस्थान निवासी पुखराज व अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि हरिद्वार में हरकी पैड़ी में सरकार द्वारा अर्ध कुम्भ मेले के दौरान सीढ़िया बनाई गयी थी जो सजंयपुल व संत रविदास मंदिर को जोड़ती है और इन सीढ़ियों के बनने पर मन्दिर को बहुत नुकशान हुआ था। कई लोगो को मंदिर के दर्शन से भी वंचित रहना पड़ा था।

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वही सरकार ने 2016 में एक आदेश पारित कर 42 लाख 17 हजार रूपये से रविदास मंदिर के समीप से फिर से सीढ़िया बनाई जा रही है जिससे मन्दिर को फिर से नुकसान हो रहा है और सरकार सरकारी धन का दुरूपयोग कर रही है लिहाजा इसको रोका जाना चाहिए।

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