बच्चों को मलेरिया से बचाएगी स्वीट कैंडी, जेएनयू के शोधार्थियों ने विकसित की दवा

( रितिक भारती )

 मलेरिया के चलते विश्व भर में हर साल 2 लाख से अधिक बच्चों की जान जा रही है। अगर 2019 में जारी एक आंकड़े की माने तो हर दो मिनट में एक 0-5 वर्ष का बच्चा मलेरिया से अपनी जान गंवा रहा है। मलेरिया की इस वैश्विक चुनौती पर काम कर रहे जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी(जेएनयू) के स्पेशल सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर मेडिसन के शोधार्थियों ने बड़ी सफलता हासिल कर ली है। उन्होंने मलेरिया से ग्रसित बच्चों के लिए ऐसी मीठी कैंडी विकसित की है जो 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मलेरिया होने पर उन्हें खिलाई जाएगी।

यह कैंडी मलेरिया परजीवी के विकास को रोक देती है।  जेएनयू के स्पेशल सेंटर फार मालिक्यूलर मेडिसिन विभाग की प्रोफेसर शैलजा सिंह ने बताया कि एरिथ्रिटाल (शुगर अल्कोहल) एक कार्बनिक यौगिक है। चीनी के विकल्प के रूप में भी इसका प्रयोग किया जाता है। मक्के का स्टार्च निकालकर उसे ग्लूकोज में बदला जाता है फिर ग्लूकोज का किण्वन कर एरिथ्रिटाल बनाया जाता है। इससे निर्मित कैंडी को मलेरिया के खिलाफ प्रभावी पाया गया है और इसे पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। यह शोध अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘बायो एक्स आरआइवी’ में भी प्रकाशित हुआ है।

परजीवी का विकास रोकने में सक्षम: मलेरिया प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होता है, जो संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छरों के काटने से होता है। मलेरिया की दवा बहुत कड़वी होती है। इसे खाते ही लोग उल्टी कर देते हैं। इसे बच्चों को खिलाना बहुत मुश्किल भरा होता है। यदि मलेरिया की दवा स्वीट कैंडी की तरह हो तो बच्चे इसे आसानी से खा सकेंगे। इसलिए एरिथ्रिटाल को मलेरिया की दवाओं के कांबिनेशन के साथ दिया गया है।

चूहों के 6 समूहों पर किया गया परीक्षण
प्रो. शैलजा ने कहा कि बच्चों को अभी जो मलेरिया की दवा दी जाती है वह बहुत कड़वी होती है। इसे खाते ही बच्चे उल्टी तक कर देते हैं। ऐसे में दवा खिलाना मुश्किल होता है। इसीलिए हमने स्वीट कैंडी तैयार की। यह मलेरिया पर कितना प्रभावी है यह जांचने के लिए हमने चूहों के 6 समूह बनाए। जिसमें चूहों को मलेरिया की दवा और एरिथ्रिटॉल, केवल एरिथ्रिटॉल, केवल मलेरिया की दवा और एक समूह को आर्टिसुनेट दवा का अधिक डोज दिया गया। इसके रिजल्ट में पाया गया कि एरिथ्रिटॉल अकेले मलेरिया पर प्रभावी है। लेकिन जिस चूहे को मलेरिया की दवा और एरिथ्रिटॉल दोनों दिए गए थे वह ज्यादा असरकारक रहा।

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एरिथ्रिटोल मलेरिया की दवा की बढ़ा देता है क्षमता
एरिथ्रिटोल ने दी गई दवा की क्षमता को कई गुना बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों को अप्रैल से अक्तूबर के बीच बारिश के कारण बढ़े मच्छरों से फैलने वाले मलेरिया से बचाने के लिए हम ऐसे भी स्वीट कैंडी खिला सकते हैं। इससे उनमे मलेरिया के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित होगी।

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