वित्त वर्ष 2017-18 में जीवीए दर रहेगी 6.3-6.4 फीसदी : एसबीआई
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2017-18 में देश के कुल समानों और सेवाओं का कुल मूल्य यानी ‘योजित सकल मूल्य’ (जीवीए) की वृद्धि दर उम्मीद से अधिक 6.3 से लेकर 6.4 फीसदी तक रहने का अनुमान है, जबकि पहले इसके 6.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रिपोर्ट में शनिवार को यह जानकारी दी गई। इससे पहले शुक्रवार को जारी केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की वित्त वर्ष 2017-18 के राष्ट्रीय आय अनुमान में जीवीए दर 6.1 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई है, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में यह 6.6 फीसदी थी।
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एसबीआई की ईकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है, “हमारा मानना है कि चालू वित्त वर्ष का जीवीए अनुमान दूसरे संशोधन के बाद से ही अधिक उच्च रहने की उम्मीद है। अंतिम जीवीए अनुमान करीब 6.3-6.4 फीसदी लगाया गया है।”
रिपोर्ट में कहा गया है, “हालांकि जीडीपी आंकड़ों का अनुमान कम किया गया है, क्योंकि चालू वित्त वर्ष में कर संग्रहण में कमी आई है, और जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) की मौजूदा दरों में कमी किए जाने की संभावना है।”
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सीएसओ के आंकड़ों से पता चलता है कि जीएसटी जीडीपी की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि 2016-17 में यह 7.1 फीसदी रही थी।