Govardhan2020: जानिए क्यों करते हैं गोवर्धन की पूजा

पौराणिक कथाओं के अनुसार द्वापर युग में सभी ब्रजवासी देवराज इंद्र की पूजा किया करते थे। एक बार जब देवराज इंद्र की पूजा की जा रही थी ब वहां उपस्थिति भगवान श्री कृष्ण ने लोगों से उस पूजा के बारे में पूछा। लोगों ने उन्हें बताया कि यह देवराज इंद्र की पूजा कि जा रही है जिसे वे लोग प्रत्येक वर्ष करते हैं। जिसके बाद श्री कृष्ण ने ब्रजवासियों को उस पूजा से होने वाले लाभ के बारे में पूछा। तो ब्रजवासियों ने कहा कि वह हर साल हमारे लिए वर्षा करते हैं जिससे वहां के लोग खेती कर सकें। जिस पर भगवान के कहा कि वर्षा करना तो उनका कर्तव्य है उसके लिए उनकी पूजा क्यूं? और भगवान ने इंद्र की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा करने को कहा साथ ही बताया कि गोवर्धन हमारी गायों को पालता है व उन्हें भोजन देता है जिसके कारण हमें उसे पूजना चाहिए।

जिसके बाद सभी ब्रजवासियों ने भगवान के आदेश का पालन करते हुए गोवर्धन पर्वत को पूजना शुरु कर दिया। ब्रजवासियों के इस कृत्य से इंद्र बहुत क्रोधित हुए और क्रोध में इंद्र ने मेघों को ब्रज का विनाश करने को कहा। जिसके बाद ब्रज में भारी वर्षा होने लगी और सभी लोग इंद्र के प्रकोप से भयभीत होने लगे। ब्रजवासियों को व्याकुल देख श्री कृष्ण ने सभी को गोवर्धन पर्वत के पास जाने को कहा और लोगों की रक्षा के लिए भगवान ने अपनी सबसी छोटी ऊंगली (कनिष्ठिका) पर विशाल पर्वत को धारण कर लिया। इस बात का पता चलते ही इंद्र ने कई प्रयास किये पर श्री कृष्ण के आगे उनकी एक चाल भी नही चली। लेकिन जब इंद्र को पता चला कि भगवान श्री कृष्ण विष्णु जी के अवतार है तो इंद्र ने अपनी भूल पर माफी मांगी। जिसके बाद इंद्र को भगवान श्री कृष्ण ने माफ कर दिया और तभी से लोग गोवर्धन की पूजा करते आ रहे हैं।

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