Govardhan Puja 2021: जानें गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त और क्या है इसकी मान्यता

हर साल दिवाली (Diwali) के अगले दिन गोवर्धन पूजा (Govardhan puja) का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व को अन्नकूट, पड़वा और प्रतिपदा के नाम से भी जाना जाता है। गोवर्धन के दिन घर के आंगन, छत या फिर घर के बाहर गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है। इस विधि के बाद 51 सब्ज़ियों को मिलाकर अन्नकूट (Annakoot) बनाकर गोवर्धन बाबा को भोग लगाया जाता है।

क्या है मान्यता

मान्यता है कि त्रेतायुग में भगवान इन्द्र ने बृजवासियों से नाराज होकर मूसलाधार बारिश की थी। उस वक्त भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर बृजवासियों को बचाया था और उनको पर्वत के नीचे सुरक्षा प्रदान की थी। तभी से भगवान श्री कृष्ण को गोवर्धन के रूप में पूजा जाता है।

गोवर्धन तिथि और पूजा मुहूर्त-

हिंदू पंचांग के अनुसार 5 नवंबर को रात 2 बजकर 44 मिनट पर शुरू होकर दिन में 11 बजकर 14 मिनट पर खत्म होगा।

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7.59 से लेकर 10.47 तक रहेगा।

गोवर्धन पूजन विधि-

गोवर्धन पूजा के दिन सुबह के सबसे पहले शरीर पर तेल की मालिश करें। शरीर पर तेल की मालिश के बाद स्नान करें। इसके बाद घर के मुख्य द्वार पर गोबर से प्रतीकात्मक गोवर्धन पर्वत बनाएं। पर्वत के बीच में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति रखें। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण को विभिन्न प्रकार के पकवानों और मिठाइयों का भोग लगाएं। इसके बाद पूजा करें और गोवर्धन का ब्राह्मण करें।

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