खूब खाइए फास्ट-फूड और तला भुना, ये तीन उपाय लीवर को नहीं होने देंगे फैटी

शरीर का हर एक अंग अपना अलग ही महत्व रख़ता है। इसमें से एक अंग में भी छोटी-सी समस्या आपके लिए जिंदगी भर की परेशानी बन सकती है। बदलते खान-पान के स्टाइल ने फैटी लीवर रोग के मरीज़ों में वृद्धि कर दी है।

फैटी लीवर

फास्ट-फूड और तला हुआ खाना सीधे लीवर पर अटैक करता है। ऐसे में लीवर के कार्य करने गति पहले से धीमी हो जाती है। कुछ जबरदस्त घरेलू उपाय हैं जो आपके लीवर को फैटी होने से बचा सकते हैं।

दरअसल, लीवर शरीर का दूसरा बड़ा अंग है। हमारा रोज़ का खान-पान और खून में शामिल हानिकारक तत्व को लीवर प्रोसेस करता है। अगर लीवर में बहुत फैट हो जाए तो इस प्रक्रिया में रुकावट आ जाती है।

सबसे पहले बात आती है हल्दी की, हल्दी में कई गुण होते हैं। जो कई तरह के रोगों में फायदा देती है। हल्दी लिवर, त्वचा और पाचन तंत्र को ठीक करने में सहायक होती है। हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट के गुण होते हैं जो लिवर सेल्स को डैमेज होने से बचाती है।

मिल्क थिस्ल का नाम आपने शायद ही सुना होगा, ये फैटी लीवर को कम करने में काफी सहायता करता है। दरअसल मिल्क थिस्ल एक तरह का पौधा है जिसमें बैंगनी रंग के फूल लगे होते हैं। इसका प्रयोग औषधियां बनाने में होता है। मैरीलैंड मेडिकल सेंटर यूनिवर्सिटी के अनुसार मिल्क थिस्ल से लिवर और पित्ताशय के इलाज का पुराना इतिहास रहा है।

लिपोट्रॉपिक्स, ये पित्ताशय, पूर्व मासिक रोग, फाइब्रोसिस्टिक, स्तन रोग और फैटी लिवर के इलाज में उपयोगी हो सकता है। यह लिवर में फैट के जोखिम को कम करता है। लिपोट्रॉपिक्स पित्ताशय, पूर्व मासिक रोग, फाइब्रोसिस्टिक, स्तन रोग और फैटी लिवर के इलाज में उपयोगी हो सकता है।

इन सबके अलावा आप व्यायाम के माध्यम से भी लिवर का फैट कम किया जा सकता है।

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