किसानों के घर 76 हजार करोड़ रुपये पहुंचाए : रमन

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि हमारी सरकार ने 15 वर्षो में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी और बोनस की राशि मिलाकर किसानों के घर लगभग 76 हजार करोड़ रुपये पहुंचाए हैं।

रमन

मुख्यमंत्री ने आज स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “अन्नदाताओं की खुशहाली के लिए दिल और सरकार के खजाने खोल दिए। कृषि उपजों की उत्पादकता, उत्पादन, उपार्जन और वितरण प्रणाली की पूरी श्रंखला में सुधार का महाअभियान चलाया।”

उन्होंने कहा, “सिंचाई पम्पों की संख्या 72 हजार से बढ़ाकर लगभग पांच लाख तक पहुंचा दी, नि:शुल्क बिजली दी, धान खरीदी केन्द्रों की संख्या दोगुनी की, पारदर्शी और ऑनलाइन प्रणाली लागू की और तुरंत भुगतान का इंतजाम किया। बिना ब्याज के कृषि ऋण दिया। कई तरह के अनुदान और सब्सिडी दी। 15 वर्षो में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी और बोनस की राशि मिलाकर किसानों के घर लगभग 76 हजार करोड़ रुपये पहुंचाए।”

उन्होंने कहा, “किसान भाई विवश होकर मुझे बताते थे कि महंगा कृषि ऋण लेकर वे दुष्चक्र में फंस चुके हैं और उनके भविष्य के सारे रास्ते बंद हो चुके हैं। ऐसे किसान भाइयों को तात्कालिक लाभ देने के लिए हमने समय-समय पर अल्पकालीन ऋण माफ किए।”

उन्होंने कहा, “जब मैंने पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, उस समय आजादी के 56 साल बाद भी जनता भूख, भय, भ्रष्टाचार, बीमारियां, बेरोजगारी, दमन, शोषण, आतंक की वजह से त्रस्त थी। गांवों से शहरों तक हताशा ने पैर पसार लिए थे। बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर पूरा गांव पलायन के लिए उमड़ पड़ता था, क्योंकि गांवों की हालत बेहद खस्ता थी। सिंचाई, खाद, बीज, पानी, कृषि ऋण, बिजली, सड़क, नहर-नाली, स्कूल, अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव ने किसानों और ग्रामीणों की कमर तोड़ दी थी।”

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उन्होंने कहा, “लाखों अन्नदाताओं के माथे पर डिफाल्टर होने का तमगा चिपका दिया गया था, उन्हें न तो सम्मान की जिंदगी मिल रही थी, न पेट भर अनाज। छत्तीसगढ़वासियों के आत्मसम्मान और अस्मिता पर संकट के बादल मंडरा रहे थे। विकास की उम्मीद तो दूर की कौड़ी थी, जिंदगी के लाले पड़ गए थे।”

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उन्होंने कहा, “प्रदेश के किसानों, मजदूरों, कामगारों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं, युवाओं, व्यवसायियों और हर वर्ग के लोगों ने कंधे से कंधा मिलाकर अथक परिश्रम किया, जिसकी वजह से आज छत्तीसगढ़ विकास की बुलंदियों को छू रहा है। देश की आजादी के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाली विभूतियों ने जो सपना देखा था, उसे हम सब मिलकर पूरा कर रहे हैं। अनेक उपलब्धियां हासिल करने से नए-नए लक्ष्य तय करने में मदद मिली है।”

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