1090 की फर्जी फेसबुक आइडी बना महिलाओं से चैटिंग, रिपोर्ट

फर्जी फेसबुक आइडीलखनऊ। साइबर जालसाज अब सरकारी संस्थाओं के नाम पर भी लोगों से धोखाधड़ी करने से नहीं चूक रहे। ताजा मामला 1090 से संबंधित है। जालसाजों ने वूमेन पावर लाइन के नाम से फर्जी फेसबुक आइडी बनाई है और महिलाओं से चैटिंग कर रहे हैं। मामले की जानकारी होने पर 1090 के अधिकारी हरकत में आए और उन्होंने गौतमपल्ली थाने में एफआइआर दर्ज कराई।

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वूमेन पावर लाइन के इंस्पेक्टर गंगेश त्रिपाठी ने तहरीर में लिखा है कि ऑनलाइन माध्यम से प्रचार-प्रसार के लिए फेसबुक वेबसाइट पर वूमेन पावर लाइन -1090 के नाम से पेज संचालित है। फेसबुक वेबसाइट पर चेक किया तो पाया गया कि कोई व्यक्ति वूमेन पावर लाइन -1090 इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम नाम से फर्जी वेबसाइट चला रहा है। इसके माध्यम से ठग प्रदेशभर की महिलाओं और लड़कियों से चैटिंग कर रहा है। यही नहीं जालसाज खुद को पुलिस अधिकारी बता रहा है और महिलाओं को मदद दिलाने का झांसा देकर उनसे व्यक्तिगत जानकारी हासिल कर रहा है।

एसओ गौतमपल्ली अंबर सिंह के मुताबिक इंस्पेक्टर गंगेश त्रिपाठी की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ आइटी एक्ट की धारा में रिपोर्ट दर्ज की गई है। दरअसल, आइटी एक्ट की विवेचना इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी करते हैं। ऐसे में इसकी जांच इंस्पेक्टर हजरतगंज आनंद कुमार शाही को सौंपी गई है।

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ब्लॉक कराया गया फेसबुक पेज

मामले की गंभीरता को देखते हुए 1090 के अधिकारियों ने फर्जी फेसबुक पेज को तत्काल ब्लॉक कराने की कार्रवाई की। इसके बाद आरोपित के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जालसाज पिछले कई माह से फर्जी पेज बनाकर महिलाओं से अभद्रता कर रहा था। आरोपित के पकड़े जाने के बाद वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि उसने कितनी महिलाओं के साथ चैटिंग की है। यही नहीं आशंका यह भी जताई जा रही है कि आरोपित ने महिलाओं से उनका ब्योरा हासिल कर उन्हें ब्लैकमेल भी किया है।

1090 में आपका स्वागत है

वूमेन पावर लाइन के अधिकारियों को जब 1090 के फर्जी पेज के बारे में पता चला तो उन्होंने जालसाज के बारे में पता लगाने का प्रयास किया। इस दौरान महिलाओं की आइडी से पुलिसकर्मियों ने चैटिंग की तो जालसाज ने लिखा कि ‘1090 में आपका स्वागत है। बताइए मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं’। चैटिंग के दौरान पूछने पर आरोपित ने बताया कि उक्त पेज वूमेन पावर लाइन का आधिकारिक पेज है। यही नहीं उसने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और फिर घर परिवार और लोकेशन के बारे में बातचीत करने लगा। पुलिसकर्मियों ने करीब चार-पांच महिलाओं की फेसबुक आइडी से फर्जी पेज बनाने वाले जालसाज से बात की और सबसे उसने उनकी निजी जिंदगी के बारे में सवाल किए।

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