एजेन्सी/भारतीय सरकार द्वारा इ-काॅमर्स में एफडीआर्इ लाने के कानून का पूरे देश में विरोध किया जाएगा। सोमवार को यहां के तालकटोरा स्टेडियम में एकत्र हुए रिटेल व्यापारियों ने यह निर्णय लिया है।
काॅन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के तत्वाधान में आयोजित महाधिवेशन में देश भर के लगभग 10 हजार व्यापारी नेता भाग ले रहे हैं जिसकी अध्यक्षता कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने की।
महाधिवेशन में यह तथ्य सामने आया कि इ-कॉमर्स में एफडीआर्इ को अनुमति देने से असमान प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनेगा जिसका फायदा उठा कर कंपनियां भारत के रिटेल बाजार पर कब्जा कर लेंगी।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के मुताबिक पश्चिमी देशों में ब्याज की दर 0 .75 से 3 प्रतिशत है जबकि भारत में बैंक से ब्याज की दर कम से कम 12 प्रतिशत है।
ब्याज की दर में इतने बड़े अंतर से ही इ-कॉमर्स कंपनियां रिटेल व्यापर पर अपना कब्जा जमा लेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी निवेश या तो प्राइवेट इक्विटी अथवा वेंचर कैपिटल से आता है जिस पर कोई ब्याज नहीं लगता।