NCRTC को सौंपी गई पहली रैपिड रेल की चाबी, 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी ट्रेन

( रितिक भारती )

देश का पहला रैपिड रेल का ट्रेनसेट बनकर तैयार है। 7 मई को रैपिड रेल का ट्रेनसेट एनसीआरटीसी को सौंपा गया। इन ट्रेनसेट का निर्माण गुजरात के सावली में एल्सटॉम कंपनी के कारखाने में हो रहा है। एल्स्टॉम जब इन ट्रेनसेटों को एनसीआरटीसी को सौंपेगा उसके बाद, गाजियाबाद में तैयार दुहाई डिपो में इनका ट्रॉयल होगा।

आरआरटीएस ट्रेन (RRTS Train) का डिजाइन हैदराबाद में तैयार किया गया और इसे गुजरात के सावली में बनाया गया। इस ट्रेन की गति की बात करें तो ये 180 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चल चल सकती है। एनसीआरटीसी (NCRTC) के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने बताया कि हमारी कोशिश है कि हम बेहतर सुविधा यात्रियों को दे सकें।

इसके लिए लगातार हम तेज गति के साथ काम को बढ़ा रहे हैं। अगले साल तक पहले चरण में रैपिड रेल चलने के लिए प्रतिबद्ध है और उसके बाद हर चरण में ये काम प्रगिति के साथ चलता रहेगा। भारत की पहली आरआरटीएस ट्रेनों की कम्यूटर-केंद्रित सुविधाओं के साथ इंटीरियर का 16 मार्च, 2022 को दुहाई डिपो, गाजियाबाद में अनावरण किया गया है। ये आरआरटीएस ट्रेनें 180 किमी/घंटा की अधिकत्तम गति, 160 किमी/घंटा की परिचालन गति और 100 किमी/घंटा की औसत गति के साथ भारत में सबसे तेज गति की ट्रेनें होंगी। सावली में तैयार ट्रेनसेटों में आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए कुल 210 ट्रेन सेटों की डिलीवरी की जाएगा।

आरआरटीएस ट्रेनों की खासियत

आरआरटीएस ट्रेनों को र्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन किया गया है। इस ट्रेन में 2×2 ट्रांसवर्स कुशन सीटिंग, स्टैंडिंग स्पेस, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरा, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप्स, ऑटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम सहित कई सुविधाएं उपलब्ध हैं।

महिला यात्रियों के लिए एक रिजर्व कोच और प्रीमियम वर्ग के लिए एक अलग कोच होगा।आरआरटीएस अपनी तरह की पहली प्रणाली है, जिसमें 180 किमी प्रति घंटे की गति वाली ट्रेनें हर 5-10 मिनट में उपलब्ध होंगी, जो दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी 55मिनट में तय करेंगी।

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