आर्थिक संकट से जूझ रही माकपा, किराए पर दिया कार्यालय

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्दवान जिले में वित्तीय संकट से जूझ रही माकपा की एक स्थानीय कमेटी ने अपने खर्चे के लिए पार्टी कार्यालय की इमारत को किराए पर दे दिया है। पूर्वी बर्दवान जिला वाम मोर्चा शासन के दौरान पार्टी का गढ़ माना जाता था।

माकपा के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा 2011 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सत्ता से बाहर हो गई। इसके साथ ही राज्य में माकपा के 34 सालों के शासन का अंत हो गया।

आर्थिक संकट

ऑसग्राम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के गुसकारा इलाके के माकपा नेता ने कहा, “हमारे पास दो कार्यालय एक-दूसरे से थोड़ी दूरी पर हैं। हमें दोनों संपत्तियों को बनाए रखने और पार्टी खर्च के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी वजह से हमने सर्वसम्मति से कार्यालय की इमारत को 15,000 रुपये प्रति माह पर किराए पर देने का फैसला किया है।”

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उन्होंने कहा कि स्थानीय समिति का संचालन क्षेत्रीय कार्यालय से होगा, जो स्थानीय समिति के कार्यालय से ज्यादा दूर नहीं है। इस इमारत -राबिन सेन भवन- का उद्घाटन एक मई, 1999 को किया गया था और इसके निर्माण के लिए धन स्थानीय समिति के सदस्यों ने एकत्रित किया था।

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किराए पर दी गई संपत्ति का अब पट्टेदार द्वारा नवीनीकरण कराया जा रहा है, जिसकी वजह से मार्क्‍सवादी चित्रों को माकपा कार्यालय में ले जाया जा रहा है। ममता बनर्जी के तृणमूल कांग्रेस ने 2011 में जब सत्ता पर कब्जा किया था, तब वामपंथियों ने ऑसग्राम सीट बरकार रखी थी, लेकिन 2016 के चुनाव में तृणमूल ने यह सीट जीत ली।

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