Christmas 2020: जानिए कैसे देवदूतों ने पहले ही दिया था ईसा मसीह के जन्म का संकेत

Christmas 2020 : क्रिसमस का त्योहार 25 दिसंबर को मनाया जाएगा. ईसाई धर्म में क्रिसमस के त्योहार की काफी धार्मिक मान्यता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, क्रिसमस के दिन ही येरुशलम के एक अस्तबल में मैरी ने प्रभु यीशु को जन्म दिया था. यीशु ही आगे चलकर ईसा मसीह कहलाए. ईसाई धर्म के लोग, यीशु के जन्मदिन की ख़ुशी का जश्न मनाने के लिए ही क्रिसमस का त्योहार मनाते हैं. आइए जानते हैं प्रभु यीशु के जन्म की पौराणिक कथा… साल 2020 को गुजरने में कुछ ही दिन बाकी हैं, लेकिन इससे पहले पूरी दुनिया क्रिसमस का त्योहार मनाएगी।

Christmas Star का महत्व

दिसंबर के महीने में जहां कई खगोलीय घटनाओं की चर्चा है, वहीं क्रिसमस स्टार को लेकर ‘खौफ’ भी है। दरअसल, 21 दिसंबर को बृहस्पति और शनि धरती से ‘दोहरे ग्रह’ की तरह दिखेंगे और इसे Christmas Star भी कहा जा रहा है। इसी दिन उत्तरी गोलार्थ में सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात भी होने वाली है। इसे लेकर ऐस्ट्रोनॉमर्स और विज्ञान में दिलचस्पी रखने वाले लोग भले ही उत्साहित हों, थियॉलजिस्ट पास्टर पॉल बेगली इसे धरती के लिए तबाही का सामान बता रहे हैं।

ईसा मसीह के जन्म कथा :

ईसाई पौराणिक कथा के अनुसार, ईसा मसीह के जन्म को लेकर न्यू टेस्टामेंट में एक कहानी है, इस कथा में कहा गया है कि ईश्वर ने अपना एक दूत ग्रैबियल एक लड़की मैरी के पास भेजा. ग्रैबियल ने मैरी को बताया कि वह ईश्वर के पुत्र को जन्म देगी | बच्चे का नाम जीसस होगा और वह ऐसा राजा होगा, जिसके साम्राज्य की कोई सीमा नहीं होगी|

चूंकि मैरी एक कुंआरी, अविवाहित लड़की थी, इसलिए उसने पूछा कि यह सब कैसे संभव होगा. अपने जवाब में ग्रैबियल ने कहा कि एक पवित्र आत्मा उसके पास आएगी और उसे ईश्वर की शक्ति से संपन्न बनाएगी | मैरी का जोसेफ नामक युवक से विवाह हुआ. देवदूत ने स्वप्न में जोसेफ को बताया कि जल्दी ही मैरी गर्भवती होगी, वह मैरी का पर्याप्त ध्यान रखे और उसका त्याग न करें | अंत में दम्पति को एक अस्तबल में जगह मिली और यहीं पर आधी रात के समय महाप्रभु ईसा या जीसस का जन्म हुआ. उन्हे एक चरनी में लिटाया गया. वहां कुछ गडरिये भेड़ चरा रहे थे|

ईसाइयों के लिए घटना का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि वे मानते हैं कि जीसस ईश्वर के पुत्र थे, इसलिए क्रिसमस, उल्लास और खुशी का त्योहार है, क्योंकि उस दिन ईश्वर का पुत्र कल्याण के लिए पृथ्वी पर आया था.

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