विवादों के बीच जानिए चित्तौड़गढ़ के किले की वो बातें, जिनसे आप हैं अंजान
जयपुर। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ के विरोध की आग की लपटों की चपेट में चित्तौड़गढ़ का किला भी आ गया है। चित्तौड़गढ़ का किला इस बार पर्यटन स्थल होने की वजह से नहीं बल्कि विवाद की वजह से सुर्खियों में आ गया है। फिल्म ‘पद्मावती’ का विरोध कर रहे लोगों ने चित्तौड़गढ़ के किले का मुख्य द्वार बंद कर दिया है। ऐतिहासिक ही नहीं पर्यटन स्थल होने के नाते भी चित्तौड़गढ़ का किला काफी प्रभावित हुआ है।
सर्व समाज विरोध समिति के सदस्य रणजीत सिंह ने बताया, “हमने सुबह 10 बजे से चित्तौड़गढ़ किले के पदन पोल गेट के नाम से पहचाने जाने वाले पहले गेट को बंद कर दिया है। हम किसी को किले में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। यह एक शांतिपूर्ण विरोध है और 6 बजे तक जारी रहेगा। किले में आने वाले पर्यटकों को वापस जाने के लिए कहा गया।”
यहां अक्टूबर से शुरू होने वाले पर्यटन सत्र में औसतन 3,000 से 4,000 से अधिक लोग किले का दौरा करते हैं।
विवादों के बीच हम आपको चित्तौड़गढ़ के किले की कुछ ऐसी बातों से रूबरू कराएंगे जिनसे आप पूरी तरह अंजान हैं।
चित्तौड़गढ़ के किले की 5 बातें-
- देश का सबसे बड़ा किला– चित्तौड़गढ़ किला, क्षेत्र के मामले में भारत का सबसे बड़ा किला है। इसमें 427 हेक्टेयर का बफर ज़ोन, 305 हेक्टेयर कंटेंट साइट, चित्तौड़गढ़ के गढ़वाले गढ़ आदि शामिल है।
- ऐसे पड़ा नाम – यह किला 7 वीं शताब्दी ईस्वी के में मौर्यों के द्वारा बनवाया गया था। मौर्य शासक, चित्रांगदा मोरी पर किले का नाम आधारित है।
- आकार- पक्षी की आंखों के नजरिए से देखा जाए तो यह किला मछली की आकार का नजर आता है। इसकी अधिकतम लंबाई 5 किमी से 13 किलोमीटर की परिधि की है। इसमें 700 एकड़ क्षेत्र शामिल हैं।
- किले की खासियत- चित्तौड़गढ़ के किले के परिसर में 65 ऐतिहासिक इमारतें हैं। इनमें से 4 महल परिसर, 19 मुख्य मंदिर, 4 स्मारक और 20 कार्यात्मक जल निकायों शामिल हैं।
- प्राकृतिक जल निकाय का स्रोत– किले ने जल निकायों को बढ़ाया है। एक समय पर यहां 84 जल निकाय हुआ करते थे, जिसमें अब 24 बचे हैं। यह 4 अरब लीटर का संयुक्त भंडार है। इससे 50000 लोगों के जल की जरूरत पूरी की जा सकती है।