
रिपोर्ट- कुमार रहमान
बरेली में मानवता को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने एक गरीब और लाचार पिता से दस हजार रुपये की रिश्वत मांगी और जब वो रिश्वत नहीं दे सका तो उसके दस साल के बच्चे का इलाज नहीं किया। जिसकी वजह से बच्चे की कुछ घंटों बाद मौत हो गई।
यही वो गरीब और लाचार पिता धर्मपाल है, जिसके पास इतने रुपये नहीं थे कि वो प्राइवेट अस्पताल में अपने दस साल के बेटे का इलाज करवा सके।
बदायूं के उघैती थाना क्षेत्र गांव बाला किशनपुर का धर्मपाल तेज बुखार से तड़प रहे अपने बेटे को सबसे पहले बदायूं के जिला अस्पताल ले गया। वहां डॉक्टरों ने हालत ज्यादा सीरियस होने पर बरेली जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
धर्मपाल का आरोप है कि बरेली जिला अस्पताल पहुंचने पर उनके साथ डॉक्टरों ने बदसलूकी की और एक डॉक्टर ने दस हजार और नर्स ने इलाज करने के लिए पांच सौ रुपये मांगे।
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10 साल के दीनदयाल की हालत ज्यादा खराब होने की वजह से उसे लखनऊ रेफर किया गया। लेकिन जिला अस्पताल बरेली में समय से एम्बुलेंस नहीं पहुंची। एम्बुलेंस करीब पांच घंटे देर से पहुंची जिस वजह से दीनदायल की मौत हो गई। बेटे की मौत से पिता बिलकुल टूट गया और बेटे का शव छोड़कर सीधे रात में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की गुहार लगाने के लिए लखनऊ निकल पड़ा।
लेकिन लखनऊ में सीएम योगी से उसकी मुलाकात नहीं हो सकी और बरेली पहुंचकर उसने जिला अस्पताल के डॉक्टर और नर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।
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इस मामले में एसपी सिटी अभिनन्दन सिंह का कहना है कि बच्चे के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया है। धर्मपाल की तहरीर पर जिला अस्पताल के डॉक्टर और नर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। अब देखना ये है कि क्या सिर्फ एफआईआर दर्ज करने की रस्म अदायगी ही होगी या आरोपी डॉक्टर, नर्स और एम्बुलेंस वाले के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
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