Chhattisgarh: दूसरे राज्य के मजदूरों ने बांस की बाड़ बनाकर कमाया रोजगार, कर चुके हैं 24,000 की कमाई…
कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन से काफी लोग परेशान हैं. आम आदमी की आमदनी बंद हो गई है तो दूसरी तरफ़ मजदूरों की रोज़ी-रोटी छिन गई है. ऐसे में की मजदूर ऐसे हैं जो दूसरे राज्यों में फंसे रह गए हैं और अपने घर वापिस जाना चाहते हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ से एक अच्छी खबर आ रही है. यहां मध्यप्रदेश से आए कुछ मजूदर फंसे हुए हैं, जो बांस की बाड़ बनाकर कमाई भी कर रहे हैं.
क्या है मामला
दरअसल, मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के रहने वाले करीब 15 मजदूर रोजगार की तलाश में छत्तीसगढ़ आए थे। लॉकडाउन की घोषणा होने पर यह सभी यहीं फंस गए। आर्थिक तौर पर कमजोर होने के कारण कोई निश्चित ठौर-ठिकाना नहीं था। ऐसे में सूरजपुर जिले के सरकारी राहत शिविर में शरण मिल गई।
Forest Department has provided them with bamboos to make tree guards & pays Rs 200 for making a tree guard so a worker earns around Rs 500 per day. We are providing them food&other essentials, as we consider them as our guests: Deepak Soni, District Collector, Surajpur. https://t.co/XypdwVSEzB pic.twitter.com/oZoxhpFGnO
— ANI (@ANI) April 26, 2020
यहां रह रहे एक मजदूर ने बताया कि हम सभी मध्यप्रदेश के बालाघाट से आए हैं। यहां रहकर 20 अप्रैल से काम भी कर रहे हैं। अभी तक अपने काम से 24 हजार रुपये से ज्यादा की कमाई कर चुके हैं। हम बहुत खुश हैं।
बांस से एक बाड़ बनाने के मिलते हैं 200 रुपये
सूरजपुर जिले के जिलाधिकारी दीपक सोनी बताते हैं कि वन विभाग ने इन मजदूरों को पेड़ों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल होने वाली बाड़ बनाने का काम दिया है। इसके लिए इन्हें बांस उपलब्ध कराया गया है।
एक ट्री गार्ड बनाने के लिए 200 रुपये का भुगतान किया जाता है। इस हिसाब से एक श्रमिक एक दिन में लगभग 500 रुपये कमा लेता है। हम यहां राहत शिविर में इन्हें भोजन और अन्य जरूरी चीजें भी मुहैया करा रहे हैं। हम इन्हें अपने मेहमान के रूप में देख रहे हैं।