Chhath Puja 2022: छठ पूजा पर पड़ी महंगाई की मार, 20% तक बढी पूजन सामग्रियों की कीमत
शकुन्तला
लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुवात कल नहाया खाया से हो चुकी है। चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व में महिलाये 36 घंटे तक निराजल उपवास करती है नदी अथवा तालाब के किनारे वेदी बना कर पूजा अर्चना करती है जिसके बाद नदी या तालाब के पानी में कड़ी हो कर सूर्य को अर्ध्य देती है।
ये महापर्व मुख्यतः उत्तर प्रदेश और बिहार में मनाया जाता है इस पर्व में महिलाये व्रत कर छठ माता से अपने परिवार की सुख समृद्धि और कष्टों के निवारण की कामना करती है।
देश में हर तरफ महंगाई की मार पड़ रही है जिसका असर अब तीज-त्योहारों और पूजा पाठ पर भी देखने को मिल रहा है। पूजन सामग्रियों के मूल्यों में 10-20% की बढ़ौत्तरी देखने को मिल रही है।
पूजन सामग्री में तुलनात्मक वृद्धि
सामग्री — पिछले साल (2021) — वर्तमान (2022) मूल्य
डलिया का पूरा सेट – 120 रुपये – 150 रुपये
बांस की सुपली – 60 रुपये – 80 रुपये
सिंघाड़ा – 30 रुपये (प्रति किग्रा) – 40 रुपये (प्रति किग्रा)
सेब – 80 रुपये (प्रति किग्रा) – 100 रुपये (प्रति किग्रा)
शरीफा – 80 रुपये (प्रति किग्रा) – 100 रुपये (प्रति किग्रा)
केला – 30 रुपये (दर्जन ) – 40 रुपये (दर्जन)
अमरूद – 45 रुपये (प्रति किग्रा) – 60 रुपये (प्रति किग्रा)
संतरा – 80 रुपये (प्रति किग्रा) – 100 रुपये (प्रति किग्रा)
सिंदूर पैकेट – 10 रुपये – 15 रुपये
नारियल – 40 रुपये (प्रति पीस)- 50 रुपये (प्रति पीस)
अन्नानास – 50 रुपये (प्रति पीस) – 60 रुपये (प्रति पीस)
तरबूज – 30 रुपये (प्रति पीस) – 40 रुपये (प्रति पीस)
पूजन सामग्री पर महंगाई की मार के बाद भी लोग पूरी श्रद्धा व उल्लास के साथ छठ महापर्व मना रहे है। लोगो का कहना है की सामग्री के दाम भले ही बढ़ गए हैं, लेकिन व्रत करना भी जरूरी है। ऐसे में अपने बजट के अनुसार सामग्री खरीदकर छठ पूजा करेंगे।