High Court: सीबीआई वकीलों के खिलाफ झूठे केसों की करेगी जांच, हाईकोर्ट ने दो माह में मांगी रिपोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वकीलों के खिलाफ दुराचार के झूठे केस की वापसी के नाम पर धन की उगाही के लिए मऊआइमा सहित प्रयागराज के विभिन्न थानों में दर्ज 46केसो की सी बी आई जांच कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सीबीआई को दो माह में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश‌ करने का निर्देश दिया है, मामले की सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी।

झूठे केस के बाद धन की उगाही का आरोप 
आरोपी अधिवक्ता भूपेंद्र पांडेय के खिलाफ दारागंज थाने में दुराचार के आरोप में केस दर्ज है। इनका कहना था कि हाईकोर्ट के वकीलों का एक गैंग सक्रिय है, जो झूठे केस कर चार्जशीट दाखिल होने के बाद केस के वापसी के नाम पर आरोपियों से धन की उगाही कर बंटवारा कर लेता है ।पीड़िता के अनुसूचित जाति का होने के कारण सरकार से भी धन मिलता है, उसका भी बंदरबांट होता है। इस मामले में आरोप निर्मित हो चुका है।

अकेले मऊआइमा थाने में दर्ज हैं 36 केस
आरोपी अधिवक्ता भूपेंद्र पांडेय ने कोर्ट को 51 आपराधिक केसों की सूची दी। जिसमें से अकेले मऊआइमा थाने में 36 केस दर्ज हुए हैं। अधिवक्ता आशीष मिश्रा के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है। अभियुक्त वकीलों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ताओं की टीम वीपी श्रीवास्तव, गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी, राधाकांत ओझा, अमरेंद्र नाथ सिंह, बार के महासचिव एसडीएस जादौन ने बचाव किया।

कोर्ट ने कहा न्याय की रक्षा के लिए अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग जरूरी है। वकीलों पर झूठे केस की सीबीआई को जांच सौंपा जाना जरूरी है। कोर्ट ने सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व संजय कुमार सिंह को सील कवर लिफाफे में दो माह में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

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