बुद्ध पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय, समस्याओं का होगा समाधान

वैसे तो हर महीने पूर्णिमा और अमावस्या होती है। महीने में 15 दिन बाद पूर्णिमा और फिर 15 दिन बाद अमावस्या आती है। लेकिन इस वैशाख महीने की बुद्ध पूर्णिमा का हिंदू धर्म में अलग ही महत्व है। शास्त्रों के मुताबिक, इस दिन नदी में स्नान करने पर सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्य मिलता है।

बुद्ध पूर्णिमा

पूर्णिमा कई मायनों में विशेष मानी जाती है आइए जानते हैं वो विशेषताएं जिन कारणों से आज का दिन इतना महत्व रखता है।

पूर्णिमा को सत्यनाराणय का पाठ करने से सभी दुखों से मुक्ति मिल जाती है।

सत्यनाराणय का पाठ करके चरणामृत का भोग लगाएं।

पूर्णिमा की रात में महालक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा हमेशा खुद करें।

पूर्णिमा, विशेष त्योहारों पर या शुभ मुहूर्त पर घर में गौमूत्र का छिड़काव करें। वैसे तो रोज ही गौमूत्र का छिड़काव सही रहता है पर विशेष अवसर पर गौमूत्र का छिड़काव अवश्य करें। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर जाती है और सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है।

पूर्णिमा की रोत को चंद्रमा की रोशनी घर में प्रवेश करने दें।

रोज हनुमान चालीसा का पाठ करें।

कहा जाता है कि घर में साफ सफाई का भी अपना विशेष महत्व है। जहां साफ-सफाई नहीं होती वहां हमेशा धन की कमी रहती है और कितनी भी पूजा कर लो घर में कुछ भी ठीक नहीं होता है।

घर में रोज दीपक जलाएं। दीपक हमेशा घी का जलाएं।

रोज घर के बाहर रंगोली बनाएं इससे घर का माहौल सही रहता है।

रोज सूर्य को जल चढ़ाएं।

 

 

 

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