ममता ने भी पकड़ी हिंदुत्व की डोर, ब्राह्मणों के सम्मान से करेंगी नई शुरूआत
कोलकाता। गुजरात चुनाव से पहले ही मानो विपक्षियों ने हिंदुत्व की राह पर चलने का फैसला किया हो। इसका परिणाम दिखा भी था। राहुल को गुजरात में सोमनाथ ने निराश नहीं किया। अब इसी डोर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी चलने जा रही हैं।
ममता बनर्जी बीरभूम में अगले महीने ब्राह्मण सम्मेलन को संबोधित कर सकती हैं। इसे ममता सरकार के सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड की तरह देखा जा रहा है। जिस तरह भाजपा का जनाधार लगातार राज्य में बढ़ रहा है, उसकी काट निकालते हुए ममता बनर्जी ने ये फैसला लिया है।
बीरभूम जिले के टीएमसी हेड अनुब्रतो मंडल ने कहा कि 6 जनवरी को बूथ सम्मेलन होगा, 8 जनवरी को पुरोहित सम्मेलन होगा। इसके अलावा 15 जनवरी को मुस्लिम कांफ्रेंस भी की जाएगी। बताया जा रहा है कि ब्राह्मण सम्मेलन में करीब 15,000 ब्राह्मण हिस्सा लेंगे, और पूजा-पाठ करेंगे।
हर ब्राह्मण को गीता की एक कॉपी दी जाएगी, इसके अलावा शॉल और रामकृष्ण परमहंस-शारदा मां की तस्वीर दी जाएगी। आपको बता दें कि इस प्रकार की कांफ्रेंस इससे पहले महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे प्रदेश में हो चुकी है, लेकिन पश्चिम बंगाल में ये पहली बार है।
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने सरकार के इस फैसले पर कहा है कि ममता सरकार हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति करती है, कभी वो इमाम भत्ता देते हैं तो इस बार उसे बैलेंस करने के लिए इस प्रकार का कार्यक्रम कर रहे हैं। हमें सरकार की मंशा पर भी ध्यान देना होगा।