देशवासियों को मिल सकती है और राहत, घट सकती हैं जीएसटी की दरें

राजस्व में उछालगुवाहाटी। रोजमर्रा के इस्तेमाल की कई वस्तुओं की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में दरें घटाने के बाद परिषद आगे भी राजस्व में उछाल आने पर दरों में कटौती कर सकती है। असम के वित्तमंत्री हिमांता बिश्व सरमा ने मंगलवार को यह बात कही। सरमा जीएसटी परिषद के सदस्य हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगले साल जनवरी के अंत में होने वाली बैठक में हस्तशिल्प, हथकरघा और रियल एस्टेट को नई कर व्यवस्था में लाने को लेकर दरों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

उन्होंने यह बात एफएमसीजी कंपनी इमामी के यहां से 25 किलोमीटर दूर स्थित संयंत्र के उद्घाटन के मौके से इतर कही।

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उन्होंने कहा, “दरों में कटौती एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन यह राजस्व में उछाल के आधार पर तय की जानी चाहिए। जैसे ही करों में बढ़ोतरी हो जाएगी, वैसे ही दरों में कटौती की राह खुल जाएगी। ऐसा नहीं है कि 28 फीसदी के कर से सभी चीजें बाहर निकल जाएंगी, क्योंकि उसमें कई लक्जरी चीजें भी शामिल हैं, जिससे सरकार को राजस्व मिलता है। लेकिन छंटाई अभी भी संभव है।”

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उन्होंने पेंट्स और सीमेंट का उदाहरण देते हुए कहा कि इन्हें कर की ऊंची दरों में रखा गया है, हालांकि ये आम इस्तेमाल की वस्तुएं हैं, लेकिन इससे सरकार को राजस्व मिलता है।

उन्होंने कहा, “सीमेंट के लिए कर की दर में अगर 10 फीसदी की कटौती की जाती है, तो सरकार को 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होगा। तो प्रश्न यह है कि क्या सरकार ऐसे जोखिम लेने को तैयार है या नहीं।”

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