कर्नाटक वॉर में भाजपा के धुरंधर ने जड़ा सिक्सर, एक ही शॉट में बिगड़ गया बना बनाया गेम

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने कांग्रेस की उस बात पर पलटवार किया, जिसमें कांग्रेसी नेताओं की खरीद-फरोख्त की बात की गई थी। जावेड़कर ने कहा- ये पैंतरे भाजपा के सम्मान के खिलाफ है। उनकी पार्टी इस तरह के टोटके नहीं अपनाती। इसके साथ ही उन्होंने इस बात का भी दावा किया की कांग्रेस भले एडी-चोटी का जोर लगा ले, कर्नाटक में भाजपा ही सरकार बनाएगी।

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प्रकाश जावेड़कर

उन्होंने कहा- मौक़ा देखते ही जेडीएस और कांग्रेस ने जिस तरह से सांठ-गांठ की उस नजरिये से उनका (कांग्रेस-जेडीएस) ये गठबंधन अनैतिक है।

उन्होंने कहा दोनों पहले चुनावी मैदान में एक दूसरे के खिलाफ खड़े थी, पलड़ा हल्का होते ही एक दूसरे के सबसे बड़े हमदर्द बन गए।

वहीं दूसरी ओर जेडीएस की बैठक में उनकी पार्टी (जेडीएस) के दो विधायक न पहुंचने से पार्टी की बेचैनी बढ़ गई। साथ ही सोने पर सुहागा ये लगा कि बाद में कांग्रेस की बैठक के दौरान भी 12 विधायक मौके पर शामिल नहीं हुए।

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खबरों की माने तो ये मामला कांग्रेस और विपक्ष दोनों के विरोध में जाता दिखाई दे रहा है। हालांकि जेडीएस के मामले में खबर यह भी है कि पहले तो उनकी मीटिंग से दो विधायक गायब होने की बात सामने आ रही थी, लेकिन बाद में साफ़ किया गया कि गायब विधायकों में से एक विधायक थोड़ा देरी से मीटिंग में शामिल हो गए।

इससे पहले खबर ये थी कि गठबंधन की घोषणा के बाद भी कांग्रेस को इत्मिनान नहीं कि कर्नाटक की सत्ता पर भाजपा को काबिज होने से रोक पाएंगे या नहीं। इसी हलचल के बीच कांग्रेस ने भाजपा पर एक गंभीर आरोप लगा दिया है।

आरोप है कि भाजपा कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को भेदने के लिए नया विकल्प तलाशने की जुगत में लगी है। इसके लिए भाजपा उनके विधायकों को अपने पाले में मिलाने की कोशिश कर रही है।

खबरों के मुताबिक़ कांग्रेस विधायक अमरेगौड़ा लिंगानागौड़ा पाटिल बय्यापुर ने एक न्यूज एजेंसी को दिए बयान में इस बात का आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने उन्हें अपने पाले में घसीटने की कोशिश की।

उन्होंने कहा- मुझे भाजपा नेताओं का कॉल आया, जिसमें मुझे मंत्री बनाने के साथ अन्य कई लुभावने ऑफर दिए गए ताकि मैं उनकी पार्टी में शामिल हो जाऊं। उन्होंने यह भी बताया कि भाजपा के इस ऑफर को ठुकराते हुए उन्होंने ना में जवाब दिया।

मामले पर कांग्रेस नेता डी शिवकुमार का कहना है कि भाजपा लगातार हमारे यानी कांग्रेस और जेडीएस के नेताओं के सम्पर्क में हैं। सभी पर काफी दबाव की स्थिती है। ऐसे में वे (भाजपा) नेताओं को तोड़ने की पूरी कोशिश में है। लेकिन ऐसा कर पाना आसान नहीं।

वहीं जेडीएस नेता सरवाना का इस मामले पर कहना है कि मुझे फिलहाल इस बारे में कोई जानकारे नहीं कि भाजपा की ओर से हमारे नेताओं को घसीटने के लिए क्या ऑफर दिए जा रहे हैं। पर एक बात साफ़ है कि हमें अपने पार्टी नेताओं पर पूरा भरोसा है कि वे पार्टी के साथ दगाबाजी नहीं करेंगे।

मामले में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भाजपा के पास 104 विधायकों का समर्थन है। वहीं कांग्रेस और जेडीएस का समर्थन 117 विधायक कर रहे हैं। ऐसे में सारा दारोमदार राज्यपाल पर टिका हुआ है। उनसे सही फैसले की आशा की जाती है।

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