MUDA घोटाला: सिद्धारमैया को बड़ी राहत, कर्नाटक हाईकोर्ट ने केस को CBI को ट्रांसफर करने से किया इनकार
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा उनकी पत्नी पार्वती बी.एम. को 14 स्थलों के आवंटन में अनियमितताओं के आरोप हैं।
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मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बड़ी राहत देते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एमयूडीए साइट आवंटन मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा उनकी पत्नी पार्वती बी.एम. को 14 स्थलों के आवंटन में अनियमितताओं के आरोप हैं।
न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने कहा, “रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री से कहीं भी यह संकेत नहीं मिलता कि लोकायुक्त द्वारा की गई जांच पक्षपातपूर्ण, एकतरफा या घटिया थी, जिसके कारण यह अदालत मामले को आगे की जांच या पुनः जांच के लिए सीबीआई को भेज सकती है। याचिका खारिज की जाती है।”
सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, उनके रिश्तेदार बीएम मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू (जिनसे स्वामी ने एक जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी) तथा अन्य के खिलाफ मैसूर स्थित लोकायुक्त पुलिस प्रतिष्ठान द्वारा 27 सितंबर को दर्ज एफआईआर में नामजद किया गया है।
यह आदेश विशेष अदालत के आदेश पर दिया गया है जो विशेष रूप से पूर्व एवं निर्वाचित सांसदों/विधायकों से संबंधित आपराधिक मामलों को देखती है।