निपाह के ‘जनक’ को पसंद हैं ये 3 फल, भूलकर भी न खरीदना

नई दिल्ली: देश के ज्यातर हिस्सों में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है। सभी गर्मी से निजात पाने का तरीका ढ़ूंढ़ा करते हैं। इनमें से एक तरीका है फल। फिर चाहे खाकर हो या इस फल का जूस निकालर। निपाह वायरस ने गर्मी की काट के लिए फल से लोगों की दूरी बढ़ा दी है। लेकिन जिसके चलते लोगों में डर बैठा वो अपने पसंदीदा फल खाने से नहीं चूकता। चमगादड़ को तीन फल सबसे ज्यादा पसंद हैं।

पसंदीदा फल

कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि, यह चमगादड़ की लार से फैलता है, चमगादड़ जिस फल को खाता है उसमें उसका लार्वा रह जाता है। यही फल जब बाजार से लाकर लोग खाते हैं तो इसकी चपेट में आ जाते हैं।

वहीं, कुछ रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि यह चमगादड़ से नहीं फैलता। लेकिन, जिन फलों से इसका खतरा हो सकता है वह सच में चमगादड़ खाते भी हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, चमगादड़ के भी अपने पसंदीदा फल हैं। इसके अलावा वह ज्यादा फल नहीं चखते। 3 फल ऐसे हैं जो चमगादड़ को सबसे ज्यादा पसंद हैं। साथ ही यह उनकी रोजाना डाइट में शामिल हैं। ऐसे फलों को आपको खाने से बचना चाहिए।

चमगादड़ के पसंदीदा फल

केरल में निपाह वायरस फैलने के बाद से फलों की बिक्री काफी हद तक गिर गई है। खासकर आम की बिक्री कमजोर हुई है। केरल के आम की बिक्री निपाह की खबरों के बाद से ही लगभग बंद हो गई है।

ज्यादातर लोग आम को दूसरे राज्यों से खरीद रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, चमगादड़ की रोजाना डाइट में शामिल फलों में आम, अमरूद और चीकू शामिल हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह उनके पसंदीदा फल हैं।

रात में खाते हैं फल

चमगादड़ों से फलों को बचाना लगभग नामुमकिन है। क्योंकि यह रात में इन फलों को खाते हैं। रात के वक्त पेड़ों पर उलटे लटके चमगादड़ों की संख्या इतनी अधिक होती है कि इन्हें भगाया नहीं जा सकता। फलों को बचाने के लिए कुछ बागों में पेड़ों को प्लास्टिक शीट से कवर किया जाता है। फल पकने पर उन्हें तुरन्त तोड़कर डिब्बे में बंद किया जाता है।

क्या कहते हैं फल विक्रेता

केरल में आम, अमरूद और चीकू की बिक्री बिल्कुल खत्म हो गई है। हालांकि, केला, सेब, अंगूर, संतरा, मौसंबी की बिक्री पहले की तरह ही हो रही है।

लक्षण

इस वायरस से प्रभावित लोगों को सांस लेने की दिक्कत होती है फिर दिमाग में जलन महसूस होती है. वक्त पर इलाज नहीं मिलने पर मौत भी सकती है।

इंसानों में निपाह वायरस एन्सेफलाइटिस से जुड़ा हुआ है, जिसकी वजह से ब्रेन में सूजन हो जाना।

शुरुआत में सिरदर्द,बुखार,चक्कर आना।

डॉक्टरों के मुताबिक कुछ मामलों में 24-28 घंटे के अंदर लक्षण बढ़ने पर मरीज कोमा में भी चला जाता है।

बचाव

अब तक इस वायरस से जुड़ी कोई वैक्सीन नहीं आई है। इस वायरस से बचने के लिए फलों, खासकर खजूर खाने से बचना चाहिए।

पेड़ से गिरे फलों को नहीं खाना चाहिए।

यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है। इसे रोकने के लिये संक्रमित रोगी से दूरी बनाए रखने की जरूरत होती है।

मरीज की देखभाल वायरस से ठीक करने का एकमात्र तरीका है। संक्रमित जानवर खासकर सुअर को हमेशा अपने से दूर रखें।

 

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