जानिए, वो वास्तुदोष जिनमें तुलसी का पौधा ही है एकमात्र उपाय

तुलसी का पौधातुलसी का पौधा किसी औषधि से कम नहीं है. हमारे जन्म से लेकर मृत्यु तक तुलसी काम आती है. साथ ही यह वास्तु के दोष को भी दूर करने में अहम रोल निभाती है. अक्सर हमने बड़े-बुजुर्गो से सुना है कि जिस घर पर कोई मुसीबत या दुख आने वाला होता है. उस घर में तुलसी का पौधा सुख जाता है.

पुराणों और शास्त्रों के अनुसार जिस घर पर मुसीबत आने वाली होती है, उस घर से सबसे पहले लक्ष्मी यानी तुलसी चली जाती है. क्योंकि दरिद्रता, अशांति या क्लेश जहां होता है, वहां लक्ष्मी जी का निवास नहीं होता.

तुलसी हमारे घर के समस्त दोष को दूर कर हमारे जीवन को निरोग और सुखमय बनाती है. माता के समान सुख प्रदान देने वाली तुलसी का वास्तु शास्त्र में विशेष स्थान है.

वास्तुदोष दूर करने के उपाय

वास्तु दोष दूर करने के लिए तुलसी के पौधे अग्नि कोण अर्थात दक्षिण-पूर्व से लेकर वायव्य उत्तर-पश्चिम तक के खाली स्थान में लगा सकते हैं. यदि खाली जमीन ना हो तो गमलों में भी तुलसी को लगाया जा सकता है.

रोज पंचामृत बना कर यदि घर की महिला शालिग्राम जी का अभिषेक करती हैं तो घर में वास्तु दोष हो ही नहीं सकता.

तुलसी का गमला रसोई के पास रखने से पारिवारिक कलह समाप्त होती है.

पूर्व दिशा की खिड़की के पास रखने से पुत्र यदि जिद्दी हो तो उसका हठ दूर होता है.

यदि घर की कोई संतान अपनी मर्यादा से बाहर है अर्थात नियंत्रण में नहीं है तो पूर्व दिशा में रखे तुलसी के पौधे से तीन पत्ते किसी ना किसी रूप में खिलाने से आज्ञानुसार व्यवहार करने लगती है.

यदि कारोबार ठीक नहीं चल रहा तो दक्षिण-पश्चिम में रखे तुलसी के गमले पर प्रति शुक्रवार को सुबह कच्चा दूध अर्पण करें व मिठाई का भोग रख कर किसी सुहागिन स्त्री को मीठी वस्तु देने से बिजनेस  में सक्सेस मिलती है.

नौकरी में यदि उच्चाधिकारी की वजह से परेशानी हो तो ऑफिस में खाली जमीन या किसी गमले आदि जहाँ पर भी मिटटी हो, वहां पर सोमवार को तुलसी के सोलह बीज किसी सफेद कपड़े में बाँध कर सुबह दबा दें, सम्मान की वृद्धि होगी.

कन्या के विवाह में विलम्ब हो रहा हो तो अग्नि कोण में तुलसी के पौधे को कन्या नित्य जल अर्पण कर एक प्रदक्षिणा करने से विवाह जल्दी और अनुकूल स्थान में होता है.

 

 

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