बेशुमार पॉवर देती है ओस की बूंदों से बनी ये स्पेशल मिठाई

शिव की नगरी बनारस जितना अपनी धार्मिकता के लिए प्रसिद्ध है उतनी ही अपनी मिठाइयों के लिए। यहां की कई मिठाइयां भारत भर में प्रसिद्ध हैं लेकिन इस लिस्ट में जो नाम सबसे ऊपर आता है वो है बनारसी मलइयो का।

बनारसी मलइयो

बनारसी मलइयो खाओ सबकुछ भूल जाओगे

बनारसी मिठाइयां समय के साथ-साथ भारत में दूसरी जगह भी बनने लगी हैं वहीं बनारसी मलइयो एक मात्र ऐसी मिठाई है जिस पर आज भी बनारस का एकछत्र राज है। इस मिठाई की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसको बनाने में ओस की बूंदों का इस्तेमाल होता है। बनारसी मलइयो केवल भरी सर्दी के तीन महीने ही बनाई जाती है।

ऐसे बनती है

इसे बनाने का तरीका अन्य मिठाइयों से अलग है। इसे तैयार करने के लिए कच्चे दूध को बड़े-बड़े कड़ाहों में खौलाया जाता है। इसके बाद रात में छत पर खुले आसमान के नीचे रख दिया जाता है। रातभर ओस पड़ने के कारण इसमें झाग पैदा होता है। सुबह कड़ाहे को उतारकर दूध को मथनी से मथा जाता है। फिर इसमें छोटी इलायची, केसर एवं मेवा डालकर दोबारा मथा जाता है। इसे कुल्हड़ में बेचा जाता है।

बहुत गुणकारी है

ओस की बूदों से तैयार होने वाली मलइयो आयुर्वेदिक दृष्टि से बहुत गुणकारी होती है। ओस की बूंदों में प्राकृतिक मिनरल पाए जाते हैं जो स्किन को लाभ पहुंचाते हैं। केसर और बादाम शक्तिवर्धक होते हैं। यह ताकत को बढ़ाते हैं। केसर सुंदरता को प्रदान करता है। इसके अलावा यह मिठाई नेत्र ज्योति के लिए वरदान मानी जाती है।

तीन महीने ही मिलती है

ओस के इस्तेमाल के कारण यह मिठाई केवल सर्दियों के तीन महीने ही मिलती है। जितनी ज्यादा ओस पड़ती है उतनी ही इसकी गुणवत्ता बढ़ती है। यह मिठाई गंगा के किनारे बसे मोहल्लों में ही बिकती है। जिसने भी एक बार इसका स्वाद चखा वो इसका दीवाना हो गया।

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