भारत में चीनी पर सब्सिडी का मुद्दा डब्ल्यूटीओ में उठाएगा आस्ट्रेलिया

कैनबरा| आस्ट्रेलिया के वाणिज्य मंत्री साइमन बर्मिघम ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश चीनी पर सब्सिडी देने को लेकर भारत के खिलाफ विश्व व्यापार संघ (डब्ल्यूटीओ) में कानूनी कदम उठाने जा रहा है।

फार्म ऑनलाइन की रपट के अनुसार, बर्मिघम ने कहा कि भारत के वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु के साथ बातचीत के प्रयासों के बावजूद उनके पास डब्ल्यूटीओ का सहारा लेने के सिवा कोई विकल्प नहीं रह गया है, क्योंकि प्रभु ने इस संबंध में अपने रुख से पीछे हटने से मना कर दिया।

भारत में चीनी पर सब्सिडी का मुद्दा डब्ल्यूटीओ में उठाएगा आस्ट्रेलिया

रपट के अनुसार, यह विवाद 27 सितंबर को उत्पन्न हुआ, जब भारत सरकार ने घरेलू चीनी उद्योग के लिए पिछली सहायता के अलावा एक अरब डॉलर की सब्सिडी योजना की घोषणा की।

भारत में चीनी पर सब्सिडी दिए जाने से आस्ट्रेलिया के दो अरब डॉलर के चीनी उद्योग के लिए संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि वहां का उद्योग नुकसान उठा रहा है।

ब्राजील के बाद दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक भारत है, जो गन्ना किसानों को मदद कर रहा है। भारत में पिछले साल चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था।

उन्होंने कहा, “हमने भारत सकार को कई अवसरों पर अपनी चिंताओं से अवगत कराया।”

उन्होंने कहा, “हालांकि हम कृषि उद्योग को मदद करने वाले देशों के प्रसायों का समर्थन करते हैं, मगर प्रयास डब्ल्यूटीओ के नियमों के अनुकूल होना चाहिए।”
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आस्ट्रेलिया ने डब्ल्यूटीओ के पास इस बाबत अपनी आपत्ति दर्ज कराई है, जिसपर 26 नवंबर को जेनेवा में कृषि समिति विचार करेगी।

रपट के अनुसार, बातचीत विफल होने पर आस्ट्रेलिया का अगला कमद औचारिक कार्रवाई होगी।
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बर्मिघम ने एबीसी न्यूज से कहा कि उनको उम्मीद है कि डब्ल्यूटीओ की कार्रवाई को अन्य देशों का भी समर्थन मिलेगा।

उन्होंने कहा, “हमारा भारत के साथ 21 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार है, जिसमें 23 फीसदी आयात आस्ट्रेलिया करता है, जबकि 77 फीसदी भारत।”

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