डेंगू मरीजों की सेहत से खिलवाड़, झोलाछाप डॉक्टर दे रहे एंटी बायोटिक दवांए

एंटी बायोटिक
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देहरादून। डेंगू की बीमारी के चलते मरीज हर तरह के डॉक्टर्स के यहां इलाज के लिए जाते हैं। जनमें से कुछ झोलाछाप डॉक्टर ऐसे भी होते हैं, जो डेंगू के मरीजों को एंटी बायोटिक दवाएं देकर इलाज करते हैं। हांलाकि कहने को तो डॉक्टर इलाज करते हैं, लेकिन डॉक्टर के ऐसा करने से जो खामियाजा होता है उसे मरीजों को उठाना पड़ता है। जिसके चलते  डेंगू के साथ कुछ और घातक बीमारी अपना घर बना लेती है।

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वायरल में इन बातों का रखें ध्यान

आपको बता दें, कि डेंगू या किसी भी तरह का वायरल होने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ ही एमसीआई ने भी मरीज को एंटी बायोटिक देने पर रोक लगा रखी है। इस पर विशेषज्ञों का कहना है, कि मरीज को किसी तरह का भी वायरल हो डॉक्टर को उसके उपचार में धैर्यता बरतनी चाहिए। इस तरह के रोगी को एंटी बायोटिक दवाएं देने के बजाय रोगी को खान पान का खासा ध्यान रखना चाहिए और डेंगू के शिकार मरीजों को ज्यादा से ज्यादा आराम की जरूरत होती है।

प्लेटलेट्स कम होने पर यह करें उपचार

लेकिन बहुत से झोलाछाप डॉक्टर अपने फायदे के लिये मरीजों को महंगी से महंगी एंटी बायोटिक दवाएं लिख कर अपना उल्लू सीधा करने जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। राजकीय मेडिकल कॉलेज के डेंगू वार्ड के नोडल अधिकारी और वरिष्ठ छाती रोग विशेषज्ञ डा. रामेश्वर पांडे का कहना है, कि एंटी बायोटिक आमतौर पर कोई संक्रमण होने पर ही दिया जाता है। वायरल बुखार के मरीजों को परहेज के तौर पर खूब पानी पीना चाहिये, ऐसा करना उनके लिए एक तरह से बेहतर उपचार है। हांलाकि मरीज के खून में प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं तो उन्हें डॉक्टर की सलाह लेते हुए उन्हें जल्द से जल्द चढ़ा लेना चाहिए।

एंटी बायोटिक से बच्चों को रखें दूर

वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. पीएस रावत ने ताकीद के साथ वायरल होने वाले बच्चों को खासकर एंटी बायोटिक दवा देने से मना किया है, क्योंकि यह उनके विकास क्रम के लिये बहुत की खतरनाक साबित हो सकता है। दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. केके टम्टा के मुताबिक डाक्टरों को अक्सर एंटी बायोटिक देने से रोका जाता है। हालांकि ऐसा फिजिशियन करते नहीं हैं, लेकिन झोलाछाप डाक्टरों की ओर से ऐसी शिकायतें आती रही हैं।

अक्सर लोगों ने घर में फस्र्ट एड बॉक्स पाया जाता है जो बहुत ही अच्छी बात है और इस बॉक्स में पैरासिटामोल के साथ ही एंटी बायोटिक दवा भी होती है। अक्सर परिवार के किसी सदस्य को बुखार आता है तो उसे एंटी बायोटिक दे दी जाती है जो सरा सर गलत है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मरीजों के साथ एक तरह से खिलवाड़ है। जो नहीं होना चाहिए।

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