’23 फ़सलों के लिए MSP व्यवस्था व्याीवहारिक नहीं’: Anil Ghanwat

सुप्रीम कोर्ट द्वारा कृषि कानूनों के लिए नियुक्‍त की गई समिति के सदस्‍य  अनिल घनवत (Anil Ghanwat) ने कृषि सुधार से जुड़े मुद्दों पर शीर्ष अदालत को दी गई रिपोर्ट का सार्वजनिक करने के लिए भारत के मुख्‍य न्‍यायाधीश (CJI) एनवी रमना को लेटर लिखकर आग्रह किया है।

Anil Ghanwat

अनिल ने कहा, ‘ मैंने भारत के मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिखकर माँग की है कि कृषि सुधार से जुड़े मुद्दों पर हमने जो रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी थी उसे सार्वजनिक किया जाए। जनता के सामने नए कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की रिपोर्ट आनी चाहिए। इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने में देरी हुई। अगर पहले यह रिपोर्ट सार्वजनिक किया गया होता तो किसानों के आंदोलन को नियंत्रित किया जा सकता था।’

घनवत ने बताया की, ‘भारत में 23 फ़सलों के लिए MSP व्यवस्था न तो Feasible (संभव/व्‍यावहारिक) है और न ही Implementable (अमल में लाने लायक) है। सिर्फ़ गेहूं और चावल पर एक लाख 60 हज़ार करोड़ की MSP का बोझ सरकार पर पड़ता है। सरकार के पास वित्तीय क्षमता नहीं है कि वह 23 फ़सलों के लिए MSP व्यवस्था बहाल करें। मैं प्याज़ का किसान हूं। हम भी माँग करते हैं कि प्याज़ पर भी MSP मिलना चाहिए। फिर आलू, टमाटर, फ़्रूट की खेती करने वाले किसान भी ऐसी माँग कर सकते हैं। 2-3 महीने बाद हम कृषि सुधार का समर्थन करने वाले 1 लाख किसानों को लेकर दिल्ली आएँगे और यहाँ 1 दिन का कार्यक्रम करेंगे।’

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