जेटली ने किया आंध्र के लिए विशेष राज्य के दर्जे को खारिज

नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गठबंधन के अपने साथी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) की साथ छोड़ने की धमकी के बीच आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि सरकार विशेष पैकेज के तौर पर राज्य को उसी तरह की मौद्रिक राशि देने के लिए तैयार है। तेदेपा ने राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने की स्थिति में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने की धमकी दी है। वर्ष 2014 में राज्य के बंटवारे के वक्त आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया गया था।

अरुण जेटली नेजेटली ने पत्रकारों से कहा, “सरकार आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने के बराबर राशि विशेष पैकेज के रूप में देने के लिए तैयार है। हम इसे विशेष पैकेज कह रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “जब आंध्र प्रदेश का बंटवारा हुआ था तब विशेष राज्य का दर्जा देने की अवधारणा मौजूद थी, लेकिन 14वें वित्त आयोग के प्रस्तावों के बाद यह दर्जा केवल पूर्वोत्तर और तीन पहाड़ी राज्यों तक के लिए संवैधानिक रूप से सीमित कर दिया गया।”

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जेटली ने कहा, “इसके बावजूद भी, बंटवारे के बाद आंध्र प्रदेश के मुश्किलों का सामना करना पड़ा है, राज्य को वित्तीय सहायता की जरूरत है, जिसे देने के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है।”

विशेष राज्य का दर्जा देने की स्थिति में केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केंद्र सरकार और राज्य के बीच खर्च का वहन 90-10 के अनुपात में होता है, जबकि सामान्य हालातों में अन्य राज्यों के साथ इसी स्थिति में केंद्र सरकार और राज्य के बीच 60-40 के खर्च का अनुपात होता है।

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जेटली ने कहा कि विशेष दर्जे वाले राज्य को एक बड़ा फायदा 30 यही प्रतिशत का लाभ होता है। इतने की मौद्रिक तरीके से गणना कर इसे राज्य को दिया जा सकता है।

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