गंदा है पर धंधा है ये, नियम कानूनों पर भारी पड़ रही अवैध वसूली की रकम

रिपोर्ट – सतीश कश्यप बाराबंकी
बाराबंकी। गंदा है पर धंधा है ये– एक बार फिर दीवाली पर प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सर्तक है और पटाखा बिक्री और जलाने के समय आदि को लेकर नियम निर्धारित किए हैं लेकिन उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में इन नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं!

 गंदा है पर धंधा है ये

ग्रीन पटाखों की बिक्री कराने के नाम पर जिला मुख्यालय के जीजीआईसी मैदान में प्रतिबंधित पटाखों का बाजार सजाया गया हैं! पुलिस विभाग से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को मैनेज करने के नाम पर पटाखा दुकानदारों से मोटी रकम वसूल की गई हैं। बातचीत के दौरान दुकानदारों ने बताया हैं व्यापार मण्डल के नेता राजीव गुप्ता उर्फ बब्बी गुप्ता ने सभी 42 दुकानदारों से 14 – 14 हजार रुपए वसूल करवाये हैं साथ ही इस प्रतिबंधित पटाखा बाजार में कोई बड़े अधिकारी पटाखा खरीदने ना आये इसके लिए भी दुकानदारों से अतिरिक्त एक हजार रुपये वसूल किये गए हैं।

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जिससे उनके घर पटाखें पहुचाये जा सके जिससे पटाख़ों का ये अवैध बाजार चल सके ! एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा बिक्री को लेकर नियम-शर्ते लागू की हुई हैं लेकिन बाराबंकी जिले में इन नियम कानूनों पर अवैध वसूली की रकम भारी पड़ रही हैं।
इस मामले पर पटाखा बाजार का ठेका लेने वाले राजीव गुप्ता उर्फ बब्बी गुप्ता सहित जिले के जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यही हैं की आखिरकार अब अवैध पटाखों की बिक्री पर रोक कैसे लगेगी जब प्रशासन खुद अवैध पटाखों की वसूली में खुद को शामिल कर बैठा?

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