अग्निपथ योजना पर केंद्र ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, कहा – कोई भी निर्णय लेने से पहले केंद्र का पक्ष भी सुना जाए

सेना में भर्ती की नई योजना प्रणाली पर इस समय घमासान मचा हुआ है, जिसको चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई है। और ये अब तक इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक के बाद तीन याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। जिसमे अग्निपथ योजना पर रोक लगाने की मांग की गई है। अब केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी गयी है, जिसमे केंद्र द्वारा कहा गया है कि कोई भी निर्णय लेने से पहले केंद्र सरकार का भी पक्ष भी सुना जाए।

अग्निपथ स्कीम को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुआ आगज़नी आदि की घटनाये हुई, जिसके बाद अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। पिछले हफ्ते एडवोकेट विशाल तिवारी ने अपनी याचिका द्वारा सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि इस भर्ती की समीक्षा के लिए एक कमेटी का गठन किया जाये जो इस बात का आंकलन करे कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्या इसका कोई असर पड़ेगा या नहीं। और साथ ही साथ सेना पर इसका क्या असर होगा। साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट से यह भी अपील की गई कि जिस तरह से इस योजना के खिलाफ देशभर में वृहद् स्तर पर प्रदर्शन हुआ है। देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है। उसकी जांच के लिए सर्वप्रथम एसआईटी का गठन किया जाए और दोषियों पर कठोर कार्यवाही की जाये।

बता दें कि जब से केंद्र सरकार द्वारा अग्निपथ योजना का ऐलान किया गया है, इसके खिलाफ हर जगह सिर्फ प्रदर्शन ही हो रहा है। जिसके बाद केंद्र सरकार ने कई प्रकार के लुभावने प्रलोभन दिए है जिसको विपक्ष ने सिरे से नकार दिया है। और साथ ही साथ युवाओं ने भी प्रदर्शन आदि को देखते हुए और युवाओ की नाराज़गी को देखते हुए अग्निपथ योजना में भर्ती के लिए इस साल अधिकतम उम्र को 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दिया गया है। अब देखने वाली बात ये होगी कि सुप्रीम कोर्ट इसको लेकर क्या कुछ अपनी तरफ से आदेश देगा।

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