
उत्तर प्रदेश के आगरा में अफगानिस्तान के तालिबान सरकार के विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्तकी का प्रस्तावित दौरा रद्द हो गया है। रविवार सुबह ताजमहल भ्रमण का कार्यक्रम था, लेकिन अंतिम समय में इसे स्थगित कर दिया गया।
डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने पुष्टि की कि मुत्तकी के आने का प्लान रद्द कर दिया गया है, और अभी कोई नया कार्यक्रम तय नहीं हुआ है। यह दौरा 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद किसी वरिष्ठ अफगान नेता की भारत यात्रा का हिस्सा था, जो भारत-अफगानिस्तान संबंधों को मजबूत करने का संकेत देता।
मुत्तकी का छह-दिवसीय भारत दौरा 9 अक्टूबर को शुरू हुआ था, जिसमें दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात शामिल थी। शनिवार को वे सहारनपुर के दारुल उलूम देवबंद पहुंचे थे, जहां संस्था ने 15 प्रमुख उलेमा के साथ उनका भव्य स्वागत किया। लेकिन रविवार को आगरा आने का प्लान, जिसमें सुबह 9 बजे शिल्पग्राम पहुंचने और 11 से 12 बजे तक ताजमहल भ्रमण का था, अचानक रद्द हो गया। जिला प्रशासन ने सहारनपुर में हुई हिंसा के बाद सुरक्षा को लेकर फूंक-फूंक कर कदम उठाए थे। भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, और ताजमहल क्षेत्र में कड़े इंतजाम किए गए थे।
आगरा के शहर मुहल्ला मुहल्ला में मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल, मुफ्ती मजीद रूमी की अगुवाई में, मुत्तकी से मिलना चाहता था, लेकिन प्रशासन ने किसी भी व्यक्ति को नजदीक आने की इजाजत नहीं दी। यह दौरा मुत्तकी की ताजमहल देखने की इच्छा पर आधारित था, जो अफगान प्रतिनिधिमंडल ने पहले ही जाहिर की थी। रद्द होने से प्रशासन की व्यापक तैयारियां व्यर्थ हो गईं, जिसमें ट्रैफिक डायवर्जन, ड्रोन निगरानी और विशेष सुरक्षा कवच शामिल थे।
मुत्तकी का दौरा संयुक्त राष्ट्र की यात्रा प्रतिबंध से छूट के बाद संभव हुआ था, जो 30 सितंबर को मंजूर हुई। यह यात्रा भारत की अफगान नीति में व्यावहारिकता का प्रतीक थी, जहां दिल्ली ने काबुल में दूतावास दोबारा खोलने की घोषणा भी की। लेकिन आगरा दौरे के रद्द होने से पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव के बीच भारत की कूटनीतिक सक्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। मुत्तकी 16 अक्टूबर तक भारत में रहने वाले थे, लेकिन अब अगले कार्यक्रमों पर सस्पेंस बना हुआ है।