आज का सुविचार: चाणक्य के अनुसार मूर्तियों में नहीं बल्कि यहां बसते है ईश्वर

अर्थशास्त्र और नीतिशास्त्र के रचयिता चाणक्य का जन्म ईसापूर्व से 350 साल पहले हुआ था। चाणक्य चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। इनको ‘कौटिल्य’ के नाम से भी जाना जाता है। चाणक्य ने नंदवंश का नाश करके चन्द्रगुप्त मौर्य को राजा बनाया। मौर्य साम्राज्य की स्थापना में इनका परम योगदान था। चाणक्य राजसी ठाट-बाट से दूर एक छोटी सी कुटिया में रहते थे।

चाणक्य की नीति को अपने जीवन में उतारने वाला व्यक्ति चाहे कितना भी कमजोर क्यों न हो अपने आप को बुरे समय से बचा ही लेता है और चाणक्य की बातें सच साबित हुई हैं जिसमे कोई दो राय नहीं है। चाणक्य के अनमोल विचार भी एक मात्र ऐसा साधन है जो आजके कलयुग मैं आपके लिए काफी लाभदायक होगा।

  • मुर्ख लोगों से वाद-विवाद नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हम अपना ही समय नष्ट करते है.
  • आलसी मनुष्य का वर्तमान और भविष्य नही होता।
  • डर को नजदीक न आने दो अगर यह नजदीक आ जाय तो इस पर हमला कर दो।
  • भगवान मूर्तियो में नही बसता बल्कि आपकी अनुभूति ही आपका ईश्वर है और आत्मा आपका मंदिर।
  • भाग्य उनका साथ देता है जो कठिन परिस्थितयो का सामना करके भी अपने लक्ष्य के प्रति ढृढ रहते है।
  • कोई भी व्यक्ति ऊँचे स्थान पर बैठकर ऊँचा नहीं हो जाता बल्कि हमेशा अपने गुणों से ऊँचा होता है।
LIVE TV