
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार सुबह एक बेहद शर्मनाक और चौंकाने वाली घटना घटी, जब एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की। यह हादसा कोर्ट नंबर 1 में CJI की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष केस मेनशनिंग के दौरान हुआ।

वकील ने कोर्ट के अंदर नारेबाजी की और “सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” जैसे नारे लगाए। सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उसे पकड़ लिया और बाहर निकाल दिया, जिससे कार्यवाही कुछ देर के लिए बाधित रही। CJI गवई ने शांत रहते हुए कहा, “ये चीजें मुझे प्रभावित नहीं करतीं।” इसके बाद उन्होंने कार्यवाही जारी रखने का निर्देश दिया।
बार एंड बेंच और लाइव लॉ जैसी कानूनी वेबसाइट्स के अनुसार, आरोपी वकील का नाम राकेश किशोर (71 वर्षीय) है, जो मयूर विहार (दिल्ली) का निवासी है और 2011 से सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) का पंजीकृत सदस्य है। उसके पास वकीलों को दिए जाने वाले प्रॉक्सिमिटी कार्ड की पुष्टि हुई है। घटना सुबह करीब 11:35 बजे घटी, जब वकील बेंच के पास दौड़ता हुआ आया और अपना स्पोर्ट्स जूता उतारकर फेंकने की कोशिश करने लगा। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जूता बेंच तक नहीं पहुंचा। बाहर जाते हुए उसने फिर नारे लगाए। दिल्ली पुलिस ने उसे सुप्रीम कोर्ट की सिक्योरिटी यूनिट को सौंप दिया है और रजिस्ट्रार जनरल के साथ मिलकर जांच कर रही है। कानूनी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
सनातन धर्म पर टिप्पणी से जुड़ा विवाद
यह घटना खजुराहो के जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की क्षत-विक्षत मूर्ति को बहाल करने की याचिका खारिज करने के दौरान CJI गवई की टिप्पणियों से जुड़ी लगती है। 16 सितंबर को सुनवाई के दौरान CJI ने कहा था, “अब जाकर देवता से ही कहो कि कुछ करे” और “यदि आप विष्णु भक्त हैं तो शैव मंदिर में पूजा कर लें।” इसे सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया गया। 18 सितंबर को CJI ने स्पष्ट किया, “मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। मेरी टिप्पणियां संदर्भ में थीं।” SCBA के पूर्व सचिव एडवोकेट रोहित पांडेय ने घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “यह बेहद दुखद है। यदि वकील ने हमला करने की कोशिश की, तो हम निंदा करते हैं। यह विष्णु मूर्ति मामले से जुड़ा लगता है। कार्रवाई होनी चाहिए।”
सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत जांच समिति गठित की है और आरोपी से पूछताछ जारी है। CJI गवई को Z+ सिक्योरिटी कवर है, और यह घटना न्यायपालिका की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है। सोशल मीडिया पर #CJIGavaiAttack जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जहां कुछ इसे जातिवादी हमला बता रहे हैं, जबकि अन्य धार्मिक संवेदनशीलता से जोड़ रहे हैं।