
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली भाजपा के प्रथम अध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा का मंगलवार, 30 सितंबर 2025 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे। कुछ दिनों से वे एम्स में भर्ती थे, जहां उनका इलाज चल रहा था। उनका निधन सुबह करीब 6 बजे हुआ, जो भाजपा परिवार और दिल्ली की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति माना जा रहा है।
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शोक संदेश में कहा, “अत्यंत दुख के साथ यह बताना पड़ रहा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और दिल्ली भाजपा के प्रथम अध्यक्ष प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा जी का आज प्रातः आकस्मिक निधन हो गया है। वे 94वें वर्ष में थे। प्रो. विजय मल्होत्रा जी का जीवन सादगी एवं जन सेवा को समर्पण की मिसाल रहा। उन्होंने दिल्ली में संघ की विचारधारा के विस्तार के लिए जनसंघ काल से बहुत काम किया। उनका जीवन हम सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को सदैव प्रेरणा देता रहा है और देता रहेगा।” भाजपा दिल्ली ने एक्स पर पोस्ट कर शोक व्यक्त किया और दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक्स पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा जी का निधन अत्यंत दुःखद है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को सद्गति एवं शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गहन शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, “जीवनपर्यंत जनसेवा में समर्पित रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा जी के निधन से गहरा दुख हुआ है। वे जमीन से जुड़े ऐसे नेता थे, जिन्हें जनता के मुद्दों की गहरी समझ थी। दिल्ली में पार्टी को सशक्त बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। संसद में अपनी सक्रियता और योगदान के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। ॐ शांति।”
प्रो. मल्होत्रा का राजनीतिक सफर
मल्होत्रा ने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से निकलकर भारतीय जनसंघ के माध्यम से राजनीति में प्रवेश किया। वे दिल्ली प्रदेश जनसंघ के अध्यक्ष (1972-75) और दो बार दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष (1977-80, 1980-84) रहे। दिल्ली के पूर्व मुख्य कार्यकारी पार्षद और सांसद रह चुके मल्होत्रा को केदारनाथ साहनी और मदनलाल खुराना के साथ दिल्ली में भाजपा को मजबूत रखने का श्रेय दिया जाता है।
उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक उपलब्धि 1999 के लोकसभा चुनाव में दक्षिण दिल्ली सीट से तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह को भारी अंतर से हराना माना जाता है। पिछले 45 वर्षों में वे दिल्ली से पांच बार सांसद और दो बार विधायक चुने गए। 2004 के आम चुनाव में वे दिल्ली से भाजपा के एकमात्र विजयी उम्मीदवार थे। दिल्ली विधानसभा (2008-2013) में वे नेता प्रतिपक्ष भी रहे। अपने पूरे करियर में वे एक बेदाग और स्वच्छ छवि वाले नेता के रूप में जाने जाते रहे।
शिक्षा, खेल और सामाजिक योगदान
प्रो. मल्होत्रा केवल राजनीतिज्ञ ही नहीं, बल्कि एक प्रमुख शिक्षाविद् भी थे। उन्होंने हिंदी साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। राजनीति और सामाजिक कार्यों के अलावा, वे दिल्ली में शतरंज और तीरंदाजी क्लबों के प्रशासन में सक्रिय रहे। एक भारतीय राजनीतिज्ञ और खेल प्रशासक के रूप में उनका योगदान याद किया जाएगा। राजनीति, शिक्षा और खेल के क्षेत्र में उनके प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।
भाजपा परिवार और समर्थक उनके निधन पर शोकाकुल हैं। अंतिम संस्कार की जानकारी अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन पूरा राजनीतिक परिवेश उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।