भारत के पसंदीदा स्नैक्स समोसा और जलेबी भी खतरे में, सिगरेट के साथ स्वास्थ्य चेतावनी सूची में शामिल

सरकारी कैंटीन और भोजनालयों को अब समोसे और जलेबी के बारे में चेतावनी बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा।

सरकारी कैंटीन और भोजनालयों को अब समोसे और जलेबी के बारे में चेतावनी बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा। इनमें खाने में चीनी और तेल की मात्रा की जानकारी शामिल होगी, और इन्हें सिगरेट और तंबाकू के लिए चेतावनी बोर्ड की तरह ही प्रदर्शित किया जाएगा। भारत सरकार की घोषणा के अनुसार, अब देशभर में समोसे और जलेबी परोसने वाले सभी सरकारी कैंटीनों और भोजनालयों की दीवारों पर स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी लगाना अनिवार्य है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में सभी केंद्रीय संस्थानों को तेल और चीनी के बोर्ड लगाने का आदेश दिया गया है। इन रंग-बिरंगे पोस्टरों पर बताया जाएगा कि रोज़ाना खाए जाने वाले नाश्ते में कितनी चीनी और तेल छिपा है।

मोटापा एक खामोश महामारी बन चुका है और अनुमान है कि 2050 तक इसकी संख्या 44.9 करोड़ हो जाएगी, इसलिए सरकार का यह कदम बेहद सराहनीय है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार मोटापे पर लगाम लगाने के लिए यह एक बड़ा फैसला है: जिस तरह सिगरेट और तंबाकू पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाते हैं, उसी तरह देश के सभी सरकारी कैंटीन और रेस्टोरेंट की दीवारों पर स्वास्थ्य चेतावनी बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा। जिसकी अधिसूचना भारत सरकार ने जारी कर दी है, भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी केंद्रीय संस्थानों को तेल और चीनी के बोर्ड लगाने का आदेश दिया है; ये रंग-बिरंगे पोस्टर बताएंगे कि रोजाना खाए जाने वाले नाश्ते में कितनी चीनी और तेल छिपा है

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जो आदेश आया है, उसमें कहा गया है कि अब समोसे और जलेबी जैसे खाद्य पदार्थों के पास चेतावनी बोर्ड लगाए जाने चाहिए। इसके पीछे मकसद यह है कि लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हों, समोसे और जलेबी खाते समय उन्हें पता होना चाहिए कि वे जो खा रहे हैं उसमें कितनी चीनी, तेल और वसा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिट इंडिया की पहल की है, जिसके तहत स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सरकार द्वारा एक बहुत बड़ा कदम उठाया गया है।

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