
मुजफ्फरनगर में मेरठ स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने छपार थाना क्षेत्र के रोहाना मार्ग पर एक मुठभेड़ में कुख्यात गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के गिरोह के शार्प शूटर शाहरुख पठान को मार गिराया। यह मुठभेड़ मेरठ STF की एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।

मेरठ STF को मुखबिर से सूचना मिली थी कि शाहरुख पठान, जो खालापार, मुजफ्फरनगर का निवासी था, छपार-रोहाना मार्ग पर मौजूद है। सूचना के आधार पर STF ने बिजोपुरा तिराहे पर नाकाबंदी की। जब पुलिस ने शाहरुख की कार को रोकने की कोशिश की, तो उसने पुलिस पर 10 से अधिक राउंड फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में STF ने गोलीबारी की, जिसमें शाहरुख पठान मारा गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बरामद सामान
STF ने शाहरुख के कब्जे से तीन पिस्तौलें, जिनमें एक 9 एमएम देसी पिस्तौल शामिल है, 60 से अधिक कारतूस, और एक ब्रेजा कार बरामद की। इसके अलावा, एक डायरी भी मिली, जिसके आधार पर पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश कर रही है।
शाहरुख पठान का आपराधिक इतिहास
शाहरुख पठान पर हत्या, रंगदारी और लूट जैसे 12 से अधिक मामले दर्ज थे। 2015 में उसने मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर पुलिस कस्टडी में आसिफ जायदा की हत्या की थी। जेल में रहते हुए वह संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी के संपर्क में आया और जीवा गैंग के लिए काम करने लगा। 2019 में उसने हरिद्वार में कंबल व्यापारी गोल्डी और आसिफ जायदा हत्याकांड के गवाह के पिता की हत्या भी की थी। इन अपराधों के चलते उस पर 40,000 रुपये का इनाम घोषित था।
पुलिस की कार्रवाई
STF के ASP बृजेश कुमार ने बताया कि मुठभेड़ के बाद शाहरुख के आपराधिक नेटवर्क की जांच की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसके अन्य साथी कहां छिपे हैं और उसका नेटवर्क कितना विस्तृत था।
यह ध्यान देने योग्य है कि संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा, जो मुख्तार अंसारी का करीबी था, की 7 जून 2023 को लखनऊ के कैसरबाग कोर्ट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह BJP नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में भी आरोपी था। शाहरुख पठान का जीवा और अंसारी के साथ गहरा जुड़ाव था, और उसकी मुठभेड़ में मौत से इस गैंग को बड़ा झटका लगा है।