सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बंद कमरे में हुई बैठक में पाकिस्तान को करारा झटका लगा। पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले के बहाने भारत पर दबाव बनाने और अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की कोशिश की, लेकिन उल्टा वह खुद सवालों के घेरे में आ गया। परिषद के सदस्यों ने पाकिस्तान से कड़े सवाल पूछे और पहलगाम हमले में उसकी जवाबदेही तय करने की मांग की।

सुरक्षा परिषद ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। सदस्यों ने पाकिस्तान से पूछा कि क्या इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है। पाकिस्तान ने दावा किया था कि भारत इस हमले की आड़ में उस पर सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा है, लेकिन परिषद ने इस तर्क को खारिज कर दिया और उल्टा लश्कर की संभावित भूमिका पर सवाल उठाए। कुछ सदस्यों ने इस बात पर विशेष रूप से नाराजगी जताई कि हमले में पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर निशाना बनाया गया।
पाकिस्तान की हालिया बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों पर भी परिषद के कई सदस्यों ने आपत्ति जताई और इसे उकसावे वाली कार्रवाई करार दिया। पाकिस्तान की मंशा थी कि वह इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाकर भारत को सैन्य कार्रवाई से रोकने के लिए दबाव बनाए, लेकिन उसकी यह चाल नाकाम रही। परिषद ने पाकिस्तान को सलाह दी कि वह भारत के साथ द्विपक्षीय बातचीत के जरिए मुद्दे का समाधान करे।
पाकिस्तान, जो वर्तमान में यूएनएससी का अस्थायी सदस्य है, ने भारत की अनुपस्थिति का फायदा उठाकर अपना एजेंडा चलाने की कोशिश की थी। भारत इस समय परिषद का सदस्य नहीं है, लेकिन भारत की बढ़ती कूटनीतिक ताकत का असर दिखा। परिषद के अन्य सदस्यों ने पाकिस्तान को घेर लिया और उसके दावों को खारिज कर दिया।