गोमांस रखने के संदेह में पुलिस द्वारा घर पर छापेमारी के बाद महिला लो आया ‘पैनिक अटैक’, मौत

बिजनौर जिले में सोमवार दोपहर को एक 55 वर्षीय महिला की कथित तौर पर पैनिक अटैक से मौत हो गई, जब पुलिस टीम ने सूचना मिलने पर उसके घर पर छापा मारा कि उसके घर में गोमांस रखा हुआ है। महिला की पहचान खटाई गांव की रहने वाली रजिया के रूप में हुई है।

बिजनौर के पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा ने परिसर में छापेमारी करने वाले चारों सिपाहियों को पुलिस लाइन भेज दिया, जहां पुलिस टीम को कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली, जैसा कि उन्हें सूचना दी गई थी। उत्तर प्रदेश में गोहत्या विरोधी कानून के उल्लंघन के संदेह में यह छापेमारी की गई थी।जो गौहत्या, तथा गौमांस की बिक्री या परिवहन पर प्रतिबंध लगाता है। झा ने कहा, “जांच के आदेश दे दिए गए हैं और पुलिस मुखबिर की भूमिका की भी जांच की जाएगी। पुलिस को पक्षपातपूर्ण जानकारी देने के लिए मुखबिर के खिलाफ़ ज़रूरी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और अगर हमारी जांच में पुलिस अधिकारी दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ़ भी कार्रवाई की जाएगी।”

मृतक के बेटे नसीम ने आरोप लगाया कि चार पुलिस कांस्टेबल उसके घर में घुस आए और वहां मौजूद महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया। नसीम ने कहा, “उन्होंने घर के सामान को तहस-नहस कर दिया, जबकि हमने दलील दी कि हमने सरकार द्वारा प्रतिबंधित कोई भी सामान नहीं रखा है। पुलिस के व्यवहार के कारण मेरी मां को घबराहट का दौरा पड़ा। हम उन्हें स्थानीय क्लिनिक ले गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।”

समाजवादी पार्टी के नगीना विधायक मनोज कुमार पारस ने स्थानीय नेताओं और मुस्लिम मौलवियों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ एसपी कार्यालय में घर पर छापा मारने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ और अधिक दंडात्मक कार्रवाई की मांग की। पारस ने कहा, “अपने निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में, यह सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है कि पुलिस या असामाजिक तत्व किसी भी जाति या समुदाय के किसी भी व्यक्ति को परेशान न करें।”

इस बीच, बिजनौर के कीरतपुर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) जय भगवान सिंह ने कहा कि महिला की मौत का पुलिस छापे से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, “रजिया अस्थमा की मरीज थी और पिछले कुछ सालों से उसका इलाज चल रहा था।”

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