गुलाम नबी आज़ाद को आतंकी संगठन ने दी धमकी, बढ़ाई गई सुरक्षा

लम्बे समय तक कांग्रेस में रहने के बाद पार्टी से अलग हुए नेता गुलाम नबी आजाद को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से धमकी मिली है। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े समूह द रेजिस्टेंट फ्रंट यानी TRF की ओर से यह धमकी दी गई है। जिसके बाद आज़ाद की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। आतंकी संगठन ने धमकी का पोस्टर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जारी किया है। इस पोस्टर को जारी करते हुए आतंकी संगठन ने कहा है कि गुलाम नबी आजाद की जम्मू कश्मीर की राजनीति में आमद यानी एंट्री एकदम से नहीं हुई है। यह एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। जिसे उन्होंने अपनी पुरानी पार्टी यानी कांग्रेस मे रहते हुए तय किया। आतंकी संगठन ने कहा कि आजाद की गृहमंत्री अमित शाह के साथ बंद दरवाजों में मीटिंग भी हुई है। सूत्रों के मुताबिक उनकी मीटिंग राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर अजीत डोभाल से भी हुई है। पोस्टर में लिखा है कि बीजेपी अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए विस्थापित कश्मीरी पंडितों का उपयोग कर रही है।

कश्मीरी हिन्दू राहुल भट्ट को मारने का जिक्र

इस आतंकी संगठन ने टारगेट किलिंग के तहत मारे गए कश्मीरी हिंदू राहुल भट्ट का जिक्र करते हुए कहा कि वह भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल के सीधे संपर्क में था। हमारी इंटेलिजेंस विंग ने इन दोनों के तालमेल का पता लगा लिया और हमने राहुल भट्ट को खत्म कर दिया। संगठन ने यह धमकी भी दी है कि राहुल भट्ट जैसे कई लोग हैं, जो यहां रहकर केंद्र के लिए काम कर रहे हैं। जल्द उन्हें भी ढूंढ निकाला जाएगा।

इसलिए हैं आतंकियों के निशाने पर
कांग्रेस से जुदा होने के बाद गुलाम नबी आज़ाद ने अपनी एक नई पार्टी बनाने का ऐलान किया। आज़ाद ने कहा कि फिलहाल उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर पर ही फोकस करेगी। जनसभा में उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मेरा दिल जम्मू कश्मीर के लिए धड़कता है। उन्होंने कहा था कि मेरे लिए सभी लोग बराबर हैं। आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर में अच्छा माहौल हो और शांति स्थापित हो ये आतंकी संगठनों को मंजूर नहीं है हालात बिगाड़ने के लिये आये दिन आतंकियों द्वारा वहां के आम नागरिकों को निशाना बनया जा रहा है।

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