पुलिस के न्यायालय में फंसा दलित युवक, पड़ोसी का झगड़ा देखना पड़ा भारी
प्राय: देखा जाता रहा है कि किसी कमजोर के साथ पुलिस का बर्ताव भेदभाव पूर्ण रहा है। पुलिस गरीबों के मामले में खुद न्याधीश बनकर सजा दे देती है।ऐसा ही एक मामला लखनऊ से सामने आया है।

दरअसल बिजनौर क्षेत्र में पड़ोसी दंपती का झगड़ा देखने गए एक युवक की पुलिसकर्मियों ने पिटाई कर दी। हालत बिगड़ने पर युवक को लोकबंधु अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। दलित के साथ गनीमत यह रही कि सिपाहियों की करतूत पुलिस अधिकारियों तक पहुंची तो उन्होंने फौरन मामले की जांच के आदेश देकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
बता दें कि बिजनौर थानाक्षेत्र के कंकरकुआं गांव निवासी सुभाष रावत ने बताया कि उसके पड़ोस में एक दंपती के बीच मारपीट हो रही थी। पत्नी ने पुलिस कंट्रोल रूप पर सूचना देकर पुलिसकर्मियों को बुला लिया। जब पुलिस पड़ोसी के घर पर पहुंची तो वह भी झगड़ा देखने पहुंच गया। जब वह पुलिसकर्मियों को देखने लगा तभी एक सिपाही ने उससे कहा कि वो उसे घूर रहा है।
सिपाही की बात सुनकर पीड़ित माफी मांगने लगा। इस पर तीन सिपाही जुटकर उसे पीटने लगे। सुभाष को पिटता देख उसकी मां सिपाहियों के हाथ जोड़ने लगी और उसे घर ले आई। तभी पुलिसकर्मी पीड़ित के घर पहुंचे और जबरन गाड़ी में लादकर उसे थाने ले आए। इसके बाद सिपाहियों ने चमड़े के पट्टे से पीड़ित को पिटने लगे।
थोड़ी देर में पीड़ित की मां कोतवाली पहुंची और बेटे को छोड़ने के लिए गिड़गिड़ाने लगी। इस पर भी पुलिसकर्मियों का दिल नहीं पसीजा। जब सुभाष पिटते-पिटते बेसुध हो गया तो उसे फौरन लोकबंधु अस्पताल भर्ती करवाया गया।
बता दें कि डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत ने एसीपी कृष्णानगर को जांच सौंपी है। एसीपी कृष्णानगर पवन गौतम का कहना है कि पुलिस ने जांच कर रही है। दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।