उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के जरिए अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए नई पीढ़ी के टिकट की आस लगाए नेताओं को भाजपा बड़ा झटका देने की तैयारी में है। दरअसल भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व ने यह फैसला किया है कि पार्टी के सांसद, मंत्री, विधायक की नई पीढ़ी को टिकट नहीं दिया जाएगा। हालांकि यहां उन नेताओं को रियायत मिलेगी जिनकी उम्र 75 वर्ष से अधिक हो गई है और इसी कारण से पार्टी ने उनका टिकट काटा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्टी ने परिवारवार को रोकने के लिए यह फैसला लिया है। हालांकि यहां गौर करने वाली बात है कि नियम आने से पहले ही पार्टी ने दो नामों का ऐलान कर दिया है। भाजपा की ओर से अभी तक जारी की गई लिस्ट में ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह को नोएडा से और एटा सांसद राजबीर सिंह के बेटे संदीप सिंह को अतरौली से दोबारा टिकट दे दिया है। फिलहाल यदि यह नई नीति कड़ाई से लागू होती है तो विरोध के शुर उठना लाजमी है।
इनको हो सकती है निराशा
- राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र के बेटे अमित मिश्रा
- बिहार राज्यपाल फागू सिंह चौहान के बेटे रामविलास चौहान
- विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित के बेटे दिलीप दीक्षित
- सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा के बेटे गौरव वर्मा
- सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी
- केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर और मलिहाबाद विधायक जयदेवी कौशल के बेटे विकास किशोर व प्रभात किशोर
- कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के बेटे सुब्रत शाही