इस वजह से बच्चों के कोरोना वैक्सीनेशन में हो रही है देरी,आप भी जाने..

कोरोना की दूसरी लहर जिस तरह से भारत में आई थी,उससे लोग काफी भयभीत थे। वहीं दूसरी लहर के कम होने के बाद लोगों का कहना था कि तीसरी लहर में बच्चों पर  ज्यादा कोरोना का असर होगा,जिसके बाद भारत सरकार ने बच्चों के लिए वैक्सीन बनने पर ध्यान दिया।

अब खबर आ रही है कि बच्चो के लिए बन रही वैक्सीन में देरी हो सकती हैं। खबरों के मुताबिक कम्पनियों के साथ वैक्सीन की कीमत को लेकर मामला फंसा हुआ हैं। बताया जा रहा था कि बच्चों के लिए वैक्सीन अक्टूबर तक आ जाएगी।  लेकिन ताजा मामले के अनुसार बन रही वैक्सीन जायकोव-डी में देरी हो सकती हैं।

बच्चों की वैक्सीन, भारतीय फार्मा जायडस कैडिला तैयार कर रहा हैं। जिसे फार्मा रहित तकनीक की मदद से लगाया जाएगा। सुत्रों के मुताबिक वैक्सीन की कीमत को लेकर मामला  फांसा हुआ हैं।

बताया जा रहा हैं कि बच्चों को ये वैक्सीन गन और एप्लीकेटरक के माध्यम से दी जाएगी। गन की कीमत ज्यादा होने के कारण पुरा मामला फंसा हुआ हैं  बता दे कि गन की कीमत लगभग 30 हजार  हैं वहीं एप्लीकेटक की कीमत 90 रुपए हैं एक बार गन से लगभग 20 हजार डोस दे जा सकती हैं। 20 हजार के बाद गन बदला जाता हैं। हर टीके की डोस में दो शाट्स होते हैं इसलिए गन के ऊपर लगे एप्लीकेटर को दोबारा यूज किया जाता हैं।

बता दें कि ये नीडल फ्री वैक्सीन, यानि इसमें कोई सुई नहीं होगी, जिसे 12 साल के ऊपर के बच्चों को दी जाएगी। इस वैक्सीन को बच्चों के दोनो हाथों में 3 बार दी जाएगी,यानि पहली डोस के दोरान दोनों हाथो में,इसी तरह दूसरी डोस में दोनो हाथों में,और तीसरी डोस में दोनो हाथो में इस तरह कुल 6 डोस दी जाएगी, जिसमें दूसरी खुराक मे 28 दिन का अंतराल होगा, वहीं तीसरी डोस में 56 दिन का।

इसमें सुई की जरुरत नहीं होती है. बिना सुई वाले इंजेक्शन में दवा भरी जाती है फिर उसे एक मशीन में लगाकर बांह पर लगाते हैं. मशीन पर लगे बटन को क्लिक करने से दवा शरीर के अंदर पहुंच जाती है। इसमें दर्द न के बराबर होता है। यह बिना सुई के बच्चों में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया की जाएगी, जिसमें दर्द न के बराबर होगा।

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