आचार्य चाणक्य बहुत गुणवान और विद्वान थे। वह शिक्षक के साथ ही एक कुशल अर्थशास्त्री भी थे। इसके लिए चाणक्य ने पूरी निष्ठा से गहन अध्ययन किया था। चाणक्य ने अपने कौशल और बुद्धि के बल से जीवन में सफलता प्राप्त करने की कई नीतियां बनाई थीं। चाणक्य ने अपने नीति में बताया है अगर आपने भविष्य को बेहतर , उज्जवल बनाना है तो जीवन में कभी धन , भोजन, शिक्षा से शर्म नहीं करनी चाहिए । चलिए जानते है चाणक्य नीति से इन तीन चीजों से शर्म करने से कैसे बचा जा सकता है।

व्यक्ति को कभी भी अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले कामों पर शर्म नहीं करनी चाहिए इससे धन हानि का सामना करना पड़ता है यदि व्यक्ति किसी को पैसे उधार दिया है तो पैसे मांगने में शर्म नहीं महसूस करनी चाहिए इससे धन हानि होती है।

- व्यक्ति को कभी भी अपने भोजन पर शर्म नहीं करनी चाहिए। जो व्यक्ति अपने भोजन को अपने दोस्तों के सामने खाने से शर्माते है। वह जिंदगी में कभी पेट भर खाना नहीं खा पाते। भूखे ही रह जाते हैं । इसीलिए कभी भी खाने का अपमान नहीं करना चाहिए।
- जीवन में अच्छा विद्यार्थी वही होता है जो बिना शर्म किए आपने गुरु के द्वारा किए गए प्रश्नों का जवाब देता है। अगर आपको गुरु के द्वारा किए गए प्रश्न का जवाब आता है। तो उत्तर देने में शर्म करने के बजाय तुरंत जवाब देना चाहिए । इससे भविष्य में किसी भी विषय में अज्ञानी होने की स्थिति से बचा जा सकता है।